हिमाचल को लेकर पूर्व सीएम का बड़ा दावा, ‘चार जून को एक नहीं दो सरकारें बनेगी‘

Former CM's big claim regarding Himachal, 'Not one but two governments will be formed on June 4'
Former CM's big claim regarding Himachal, 'Not one but two governments will be formed on June 4'
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मंडी। हिमाचल की जनता आने वाले चार जून को एक नहीं दो सरकारें चुनने जा रही है। ये मात्र लोकसभा का चुनाव नहीं है। हिमाचल के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि जनता 14 महीनों की सरकार को चलता कर नई सरकार चुनेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जितना मर्जी जोर अपनी सरकार बचाने के लिए लगा लें लेकिन ये झूठी सरकार टिकने वाली नहीं है, क्योंकि आज से ठीक एक माह पहले ही ये कांग्रेस सरकार अपना बहुमत खो चुकी है।

अपने गृह क्षेत्र सराज के थुनाग में शुक्रवार को आयोजित भाजपा त्रिदेव सम्मेलन में ये दावा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री, सराज के विधायक जयराम ठाकुर ने कहा कि ये मात्र लोकसभा नहीं हिमाचल में नई सरकार चुनने का भी अवसर है। राज्यसभा चुनाव के बाद आज मुख्यमंत्री सुक्खू के कारण ही ये परिस्थितियां बनी है, क्योंकि उनके कामकाज के तौर तरीकों से न उनके अपने विधायक खुश हैं और न कांग्रेस संगठन। कांग्रेस के लोग ही उनके काम पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में भाजपा को दोष देना कांग्रेस नेता बंद करें।

उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री के कारण कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ही चुनाव लडने से दूर भाग रही है। कह रही है कि काम न होने से कार्यकर्ता नाराज हैं। उनके कैबिनेट सहयोगी ही इस यारों की सरकार से परेशान हैं और रोते हुए कैबिनेट से बाहर भाग रहे हैं। अपने विधायकों को जेड प्लस सुरक्षा दे रखी है ताकि वे कहीं भाग न जाएं। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यसभा चुनाव के बाद विधानसभा अध्यक्ष को इस पूरे मामले में तटस्थ रहना चाहिए था और ऐसी हम उम्मीद करते थे लेकिन अब तो हद हो गई है कि तीन निर्दलीय विधायकों ने भी इस सरकार के दमन से तंग आकर एक सप्ताह पहले इस्तीफा अपनी सदस्यता से दे दिया है लेकिन विस अध्यक्ष ने उसे स्वीकार नहीं किया है। अब पता चला है कि सरकार बचाने के लिए वे भी विदेश भाग गए हैं, जबकि इधर इस्तीफे स्वीकार होने की निर्दलीय विधायक राह देख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम न्यायालय में इस मामले को ले जा रहे हैं। लोकतंत्र में ऐसा करना सही नहीं है। विधायक अपनी इच्छा से सदस्यता छोड़ रहे हैं, जब उन्हें लगा कि ये सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार और राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से मामले दर्ज कर प्रताड़ित करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। अब ये लड़ाई हम लड़कर ही जीतेंगे।