दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल और यूपी ने नौ साल में करीब 1700 करोड़ खर्च किए, फिर भी साफ नहीं हो पाई यमुना

Delhi, Haryana, Himachal and UP spent about 1700 crores in nine years, still Yamuna could not be cleaned
Delhi, Haryana, Himachal and UP spent about 1700 crores in nine years, still Yamuna could not be cleaned
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मथुरा: नमामि गंगे योजना के तहत यमुना को निर्मल बनाने के लिए पिछले 9 साल में 4 राज्यों में कुल 1697 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए, लेकिन फिर भी यमुना मैली ही रही। मथुरा के एक युवा अधिवक्ता की ओर से यमुना को आरटीआई के माध्यम से मांगी गई जानकारी में खुलासा हुआ है। युवा ‌वकील देवांशु खंडेलवाल ने बुधवार को बताया कि 9 वर्ष में 1600 करोड़ से ज्यादा की राशि आवंटित की गई, लेकिन धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आता। देवांशु ने बताया कि वह जल्द ही यमुना शुद्धीकरण की मांग को लेकर मथुरा कोर्ट में एक वाद दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं।

देवांशु ने पिछले दिनों यमुना के शुद्धीकरण को लेकर आरटीआई दायर की थी। उन्होंने प्रक्रिया शुरू कर दी है। पिछले दिनों आरटीआई के माध्यम से जल शक्ति मंत्रालय से किए जा रहर कार्यों और खर्च के बारे में सूचना मांगी। आरटीआई के जवाब में मंत्रालय ने जानकारी दी है कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत 2014-15 से 31 मार्च 2023 तक यमुना प्रदूषण के लिए 4 राज्यों में 1697 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने यमुना शुद्धीकरण के लिए हिमाचल प्रदेश के सिंचाई विभाग को 3.75 करोड़, हरियाणा के सार्वजनिक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग विभाग को 89.61 करोड़, दिल्ली के जल बोर्ड द्वारा 1329.29 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश के मथुरा में हाइब्रिड वार्षिकी मोड़ प्रोजेक्ट पर 225.32 करोड़ और मथुरा के औद्योगिक क्षेत्र और प्रदूषण निवारण द्वारा 9.52 करोड़ रुपये खर्च किए गए। युवा अधिवक्ता देवांशू खंडेलवाल ने बताया कि 9 वर्ष में 1600 करोड़ से ज्यादा की राशि आवंटित की गई, लेकिन धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आता।