कोविड के बाद यूपी में 27 फीसदी बढ़ीं दवा दुकानें, लगातार आ रहे आवेदन

Drug shops increased by 27 percent in UP after Kovid, applications coming continuously
Drug shops increased by 27 percent in UP after Kovid, applications coming continuously
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोविड के बाद दवा दुकानों की संख्या 27 फीसदी बढ़ी हैं। दवा की थोक एवं फुटकर दुकान खोलने के लिए लगातार आ रहे आवेदनों को देखकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग मानक बढ़ाने पर विचार कर रहा है।

कोविड से पहले 2019-20 में कुल दुकानें एक लाख 39 हजार 30 थीं। इसमें थोक दुकानों की संख्या 54 हजार 618 और फुटकर की 84421 थीं। वर्ष 2021-22 में थोक दुकानों की संख्या बढ़कर 72 हजार 235 और फुटकर की एक लाख चार हजार आठ सौ 25 हो गईं। दोनों को मिलाकर करीब 27 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है। वहीं, कोविड आने से पहले हर साल करीब तीन से चार फीसदी बढ़ोतरी हो रही थी। वर्ष 2022-23 में अक्तूबर तक थोक दुकानों की संख्या 70 हजार 989 और फुटकर की एक लाख पांच हजार सात सौ 95 तक पहुंच गई हैं। अभी चार माह का वक्त बचा है।

उम्मीद है कि इस सत्र में संख्या एक लाख 80 हजार से अधिक हो जाएंगी। एफएसडीए के उप आयुक्त एके जैन ने बताया कि लाइसेंस जारी करने के मानकों को कड़ा किया जा रहा है। नियमावली के सभी प्रावधानों का पालन करने के बाद ही लाइसेंस दिया जा रहा है। फुटकर लाइसेंस की मांग बढ़ने का कारण है कि हर व्यक्ति स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हुआ है।

निर्बंधित लाइसेंस खत्म
अनुभव के आधार पर जारी निर्बंधित लाइसेंस अब जारी नहीं किए जा रहे हैं। पहले से जारी लाइसेंस को रद्द किया जा रहा है। कोविड के बाद करीब पांच हजार से अधिक लाइसेंस रद्द किए गए हैं। अब इसके लिए फार्मेसिस्ट का होना अनिवार्य है। मालूम हो कि वर्ष 2010 तक निर्बंधित लाइसेंस जारी किया जाता था। इसके तहत बिना डॉक्टर के पर्चे वाली दवाएं मेडिकल स्टोर पर बेची जा सकती थीं। इसमें सामान्य सर्दी जुखाम, बुखार, पट्टी मरहम आदि से संबंधित दवाएं रखने की छूट थी। लेकिन इसकी आड़ में मेडिकल स्टोरों की संख्या बढ़ने लगी। अब रोक के साथ पहले से जारी लाइसेंस के नवीनीकरण पर भी रोक लगा दी गई है।