नई दिल्ली. अगर जुराब 80 हजार रुपये की मिले, एक मफलर की कीमत 5 लाख से भी अधिक हो, और कोट 10 लाख से भी ज्यादा का हो तो कौन उसे खरीद सकता है? आपके या हमारे आजू-बाजू रहने वाले अमीर लोग भी शायद उसे खरीद पाने की हिम्मत नहीं दिखाएंगे. हम बात कर रहे हैं दुनिया की सबसे महंगी ऊन (Most Expensive Wool) के बारे में. इसका नाम है विकुना ऊन (Vicuna Wool). यह ऊन भेड़ या बकरी से नहीं उतारी जाती, बल्कि एक लुप्तप्राय जानवर के बालों से बनती है, जिसे विकुना कहा जाता है.
विकुना बौने कद के ऊंट जैसे दिखने वाले लामा जानवरों के रिश्तेदार होते हैं. ये जीव पेरू के एंडीज पर्वतमाला (Andes mountains) पर पाए जाते हैं. इनका कद करीब 3 फुट होता है. विकुना, दुनिया के लुप्त प्रायः प्राणियों की श्रेणी में आते हैं और केवल 2 लाख विकुना ही बचे हैं. इनसे प्राप्त ऊन काफी सॉफ्ट, महीन और आरामदेह होती है. यही कारण है कि विकुना ऊन, भारत की कश्मीरी पशमीना बकरी से मिलने वाली ऊन से भी बहुत ज्यादा महंगी है. विकुना ऊन की कीमत 50,000 रुपये किलो है. वहीं पशमीना ऊन करीब 6,600 रुपये किलो तक मिल जाता है.
क्यों है इतना महंगा
विकुना ऊन के महंगा होने के एक नहीं कई कारण हैं. सबसे पहला कारण है इसकी गुणवत्ता. विकुना ऊन दुनिया में प्राकृतिक रूप से उगने वाले महीन रेशों में से एक है. एक विकुना फाइबर का माप लगभग 12 माइक्रोन या एक मिलीमीटर का 12 हजारवां हिस्सा होता है. इसीलिए यह अविश्वसनीय रूप से नरम है. विकुना ऊन बहुत धीरे-धीरे बढ़ती है. कतरने के बाद वापस बढ़ने में इसे 3 साल तक का समय लग सकता है. एक विकुना से केवल 500 ग्राम ऊन ही मिलती है. यही बातें इस ऊन को बहुत दुर्लभ और मूल्यवान बना देती हैं. विकुना अत्यधिक गर्म है. इससे बने कपड़े दुनिया के सबसे ठंडे इलाकों में भी सर्दी से बचाते हैं. विकुना ऊन कश्मीरी पश्मीना की तुलना में 10 प्रतिशत हल्का है और हाइपोएलर्जेनिक भी है.
शर्ट की कीमत 4 लाख से ऊपर
इटली की कंपनी लोरो पियाना दुनियाभर में ऑनलाइन विकुना ऊन से बने कपड़े बेचती है. लोरो पियाना की वेबसाइट के अनुसार, कंपनी द्वारा विकुना ऊन से बनाई शर्ट की कीमत 4 लाख 23,000 रुपये है. वहीं, इससे बना कोट 11 लाख 44 हजार रुपये का है. विकुना ऊन से बनी पेंट की कीमत करीब 9 लाख रुपये है.