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मुजफ्फरनगर। जिले में सयुक्त किसान मोर्चा की 5 सितंबर को हुई महापंचायत के बाद आज एक बार फिर किसानों की समस्याओं को लेकर राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में हिंद मजदूर किसान समिति और गठवाला खाप की संयुक्त किसान पंचायत का आयोजन किया गया। पंचायत स्थल पर शनिवार शाम से ही किसान पहुंचना शुरू हो गए थे। लगभग 15 हजार किसानों ने इस पंचायत में हिस्सा लिया। हिंद मजदूर किसान समिति के नेता चंद्र मोहन महाराज ने कहा कि हमने कृषि कानून में संशोधन के मामले में सरकार का समर्थन किया है। एमएसपी पर गारंटी हो न कि एमएसपी पर कोई समझौता हो। पंचायत की सबसे खास बात ये रहीं कि इसमें केवल किसान हित के मुददे उठाये गये और राजनीति को दूर रखा गया। पंचायत में आये किसानों ने भी माना किसानों के मुददे किस तरीके से उठाये जाते है, ये इस पंचायत ने बताया है।

किसानों को नहीं मिल रहा गन्ना का पेमेंट
गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र सिंह ने कहा कि पंचायत में किसानों की कई समस्याओं को उठाया गया है। गन्ना हमारा मुख्य मुद्दा है। पिछले चार साल से गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया गया, जबकि महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले साल जो गन्ना मिल में डाला गया, उसका पेमेंट नहीं मिला। दूसरी समस्या बिजली की है। अगर किसान ने बिजली का बिल नहीं दिया तो उसकी बिजली काट दी जाती है। दोबारा बिजली लेने के लिए एक हजार रुपए देने पड़ते हैं।

‘भारत बंद’ में शामिल नहीं होगा गठवाला खाप
बाबा राजेंद्र सिंह ने कहा कि आवारा पशु प्रतिदिन किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। इनके लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। पंचायत के माध्यम से आज किसानों ने अपनी समस्या प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचाई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कल ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। हम उसमें शामिल नहीं रहेंगे। हमने 5 तारीख को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की पंचायत का कोई विरोध नहीं किया। अगर वो हमारी पंचायत को सरकारी पंचायत बता रहे हैं तो ये उनकी सोच है।

कई मामलों में हमारा सरकार को समर्थन
पंचायत में बोलते हिंद मजदूर किसान समिति के राष्ट्रिय प्रवक्ता चंद्र मोहन महाराज (क्रांति गुरु) ने कहा कि हम कई मामलों में सरकार का धन्यवाद करते हैं तो कई मामलों में हम सरकार के सामने अपना दुख भी प्रकट करते हैं। सरकार ने प्रदेश से गुंडागर्दी खत्म कर दी, इसके लिए धन्यवाद। सरकार ने गन्ना मूल्य चार साल से नहीं बढाया, इसका दुख भी है। प्रदेश में सड़कें अच्छी बनीं, लेकिन डीजल-पेट्रोल महंगा कर दिया। महंगाई पर नियंत्रण नहीं है। गौहत्या रुकी, लेकिन आवारा पशु फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। इसका भी समाधान किया जाना चाहिए।

गन्ने को राष्ट्रीय फसल घोषित किया जाए
मजदूर किसान समिति के राष्ट्रिय प्रवक्ता चंद्र मोहन महाराज ने कहा कि गन्ने को राष्ट्रीय फसल घोषित किया जाए। पंजाब और हरियाणा से ज्यादा यूपी में गन्ना मूल्य 500 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए। ट्रैक्टर को आजीवन किसान के पास ही रहने दिया जाए। किसान को परेशान न किया जाए। साथ ही दूध की तरह गाय के गोबर का मूल्य कम से कम 20 रुपए किलो किया जाए। इस पंचायत को हिंद मजदूर किसान समिति, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन, गठवाला खाप सहित कई संगठनों का सहयोग रहा।

एमएसपी पर कोई समझौता न हो
मजदूर किसान समिति के राष्ट्रिय प्रवक्ता चंद्र मोहन महाराज ने कहा कि हमने कृषि कानून में संशोधन के मामले में सरकार का समर्थन किया है। एमएसपी पर गारंटी हो न कि एमएसपी पर कोई समझौता हो। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को हम एक कहानी के तौर पर किसानों को समझाएंगे। उन्होंने कहा कि जितने भी हिंदू अवतार हुए वो किसान परिवार में हुए। जैसे भगवान रामचंद्र गन्ना किसान परिवार में पैदा हुए और उन्होंने गन्ने की खेती को आगे बढ़ाया। ऐसे ही कृष्ण भगवान के भाई बलराम जो हल लेकर खेत पर काम करते थे। शंकर जी का वाहन ही बैल है। बैल किसानों के साथ रहता है। इसलिए राम जी, कृष्ण जी और शंकर जी सभी किसान हैं।


