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चंडीगढ़। संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर चंडीगढ़ कूच की तैयारी में किसानों ने चंडीगढ़ को घेर लिया है। पंजाब और हरियाणा से पहुंचे किसानों ने चंडीगढ़ की सीमाओं पर डेरा डाल दिया है। वहीं, उनको रोकने के लिए पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। पंचकूला और मोहाली सीमा पर भारी पुलिस बल तैनात है।
रास्ते जाम होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फसलों की एमएसपी और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग को लेकर किसान संगठनों ने 26 से 28 नवंबर तक चंडीगढ़ में धरना-प्रर्दशन की घोषणा की है। उनका आरोप है कि दिल्ली में आंदोलन वापस लेने के समय सरकार ने एमएसपी लागू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन उसे लागू नहीं किया।
रविवार सुबह से पंजाब के दूरदराज इलाकों से ट्रैक्टर-ट्रालियों व अन्य वाहनों पर किसान बावा व्हाइट हाउस फेज-11 से जगतपुरा चौक तक सड़क के दोनों तरफ बैठ गए। उन्होंने अपनी ट्रालियों को सड़क किनारे लगा दिया। उन्हें रविवार को चंडीगढ़ की तरफ कूच करना था, लेकिन किसान यूनियन ने अभी बार्डर पर रुकने के लिए कहा है।
सोमवार को यूनियन नेताओं की बैठक के बाद कोई फैसला होगा। यहां किसान नेताओं रूलदू सिंह मानसा, जोगिंदर सिंह उगराहां, हरिंदर सिंह लक्खोवाल आदि ने संबोधित किया। जगतपुरा में करीब पांच हजार और पंचकूला में एक हजार से ज्यादा किसान पहुंच चुके हैं। उनके लिए टेंट लगाने का काम चल रहा है और खाने की व्यवस्था के लिए लंगर शुरू कर दिए गए हैं। धरना स्थल पर लंगर तैयार किया जा रहा है।
सरकार नहीं दे रही ध्यानः किसान
मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर जमा किसानों का कहना है कि उनकी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही। राज्यपाल को अपनी बात बताने के लिए चंडीगढ़ कूच करना चाहते हैं। महिलाओं की संख्या भी काफी है। पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित धरनास्थल पर पहुंचे किसानों ने कहा कि सोमवार को धरना स्थल पर ही गुरु पर्व मनाएंगे और फिर 28 नवंबर को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिलने के लिए चंडीगढ़ कूच करेंगे।