उन्होंने कहा था कि जब भी देश पर खतरा आएगा, वो आएंगे… क्या वाकई अमर हैं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन?

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देश का सर्वोच्च शासक है जिसकी इच्छाओं पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। कुछ लोग पुतिन को रूस का जार भी कहते हैं। रूस की संस्कृति में जार उस नेता या राजा को कहते हैं जो अपने विरोधियों को समाप्त कर देता है। लेकिन जनता उसे अपना पूरा समर्थन देती है। जब जब देश पर खतरा होगा, उसने कहा था कि वो आएगा…रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर कई मिथ समय समय पर सामने आते रहते हैं। कई अफवाहें चलती हैं कि वो डेढ़ सौ साल से जिंदा है। रूस की रक्षा कर रहे हैं। वैसे तो रूस के सम्राट को जार कहा जाता था। इवान चतुर्थ के शासनकाल में रूसी साम्राज्य का विस्तार हुआ। जब इवान को जार का जार का ताज पहनाया गया तो रूस समेत संपूर्ण विश्व को एक संदेश दिया गया कि रूस अब अब महज एक छोटा राज्य नहीं बल्कि एक बड़ा साम्राज्य बन चुका है। जिसका शासक जार यानी इवान चतुर्थ है। वहीं देश का सर्वोच्च शासक है जिसकी इच्छाओं पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। कुछ लोग पुतिन को रूस का जार भी कहते हैं। रूस की संस्कृति में जार उस नेता या राजा को कहते हैं जो अपने विरोधियों को समाप्त कर देता है। लेकिन जनता उसे अपना पूरा समर्थन देती है।

क्यों पड़े थे चक्कर में, कोई नहीं था टक्कर में

रूस का चुनाव परिणाम आ गया है। लेकिन इसमें कोई चौंकाने वाले नतीजे की उम्मीद करना कपोर कल्पना ही होगी। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने पांचवें कार्यकाल को सुनिश्चित कर लिया है। तीन दिवसीय चुनाव के बाद, देश के पुतिन ने लगभग 88 प्रतिशत के भारी अंतर से जीत हासिल की। युद्ध-विरोधी उम्मीदवारों को चुनाव से रोक दिए जाने के कारण, रूसी राष्ट्रपति के लिए कोई गंभीर चुनौती देने वाला नहीं था। अगले छह साल के कार्यकाल के साथ पुतिन 2030 तक पद पर बने रहेंगे। चुनाव परिणाम पूर्वानुमानित थे। फिर भी पुतिन के लिए ये वोट अहम था। इस जीत से उन्हें राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के रूप में पूरे तीन दशकों तक रूस का नेतृत्व करने का मौका मिल गया है, जिससे उनकी वैधता भी बढ़ गई है। पुतिन के लिए सिर्फ जीतना कभी भी पर्याप्त नहीं रहा है। काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस के एक प्रतिष्ठित साथी ने चुनाव से पहले लिखा था, उन्हें इस तरह से जीतना चाहिए जो दर्शाता है कि वह रूसी राजनीतिक व्यवस्था के स्वामी बने रहेंगे।

यूएसएसआर के विघटन को पलट देंगे पुतिन

साल 2018 की बात है एक पत्रकार ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से पूछा कि आप अपने देश के इतिहास में किस घटनाक्रम को पलटना चाहोगे। पुतिन ने एक लाइन में बोला- द कोलैप्स ऑफ द सोवियत यूनियन। कई मौके ऐसे आए जब पुतिन ने साफगोई से कहा कि अगर वो ऐसा कर सकते तो यूएसएसआर के विघटन की कहानी को उलट कर रख देते। कुछ ऐसा ही रूसी राष्ट्रपति करते भी नजर आ रहे हैं। इतिहास को पलटने, पुराना इतिहास वापस लाने या फिर कहे कि एक नया ही इतिहास लिखने की कोशिश में रूसी राष्ट्पति नजर आ रहे हैं।

क्या पुतिन 150 सालों से जिंदा हैं

पुतिन को लेकर ये भी अफवाहें चलती हैं कि वो डेढ़ सौ साल से जिंदा हैं और रूस की रक्षा कर रहे हैं। इन सब बातों से इतर पुतिन मिलिट्री जेट उड़ाना, मॉर्शल आर्ट, घुड़सवारी, राफ्टिंग, फिशिंग, साइबेरिया में नंगे बदन घूमना, भालू मारना, मोटरबाइक, फायरफाइटिंग, व्हेल पकड़ना सब करते हैं और उसकी फोटो मीडिया में भी आती रहती है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर कई तस्वीर भी वायरल होती रहती है, एक तस्वीर 1920 यानी पहले विश्वयुद्ध के आसपास और दूसरा 1941 यानी दूसरे विश्वयुद्ध के समय की बताई जा रही है। इन तस्वीरों में दिख रहे शख्स की शक्ल पुतिन से मिलती जुलती है। दोनों ही युवाओं ने सेना की वर्दी पहन रखी है। कॉन्सपिरेसी थ्योरी से जुड़े लोगों का कहना है कि पुतिन के पास कोई टाइम मशीन हो सकती है। कहने वालों ने तो पुतिन को अमर बना दिया। Disclose.tv के अनुसार सोशल नेटवर्क पर 1920 और 1941 की तस्वीरें प्रसारित की जा रही हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि ये पुतिन की तस्वीरें हैं।