अबकी बार बीजेपी कैसे जाएगी 370 के पार? जानें किस राज्य में क्या है हाल

How will BJP cross 370 this time? Know what is the situation in which state
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नई दिल्ली। Lok Sabha Elections 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लोकसभा चुनाव में एनडीए के लिए ‘अबकी बार, 400 पार’ का नारा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी के लिए 370 का लक्ष्य भी रखा है। पीएम के इस ऐलान के बाद सियासी पंडितों के सामने इन दिनों यह यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है कि आखिर बीजेपी सहयोगी दलों के होते हुए भी इस टारगेट को कैसे पूरा कर पाएगी। आइए राज्यों के हिसाब से बीजेपी के पिछले लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन पर एक नजर डालते हैं।

देश को नौ राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की 58 लोकसभा सीटों पर बीजेपी अपना सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन कर चुकी है। ये हैं गुजरात, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़ और दमन और दीव। दमन और दीव को छोड़कर इन सभी सीटों पर भाजपा ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के बीच अपना वोट शेयर बढ़ाया। बीजेपी भले ही इन राज्यों में अपना वोट शेयर बढ़ा ले, लेकिन 2019 की सीटों की संख्या की तुलना में भाजपा का आंकड़ा बढ़ने वाला नहीं है, क्योंकि इन सभी सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है।

कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां बीजेपी ने कम से कम 90% सीटें जीतीं। उनमें मध्य प्रदेश और राजस्थान शामिल है। भाजपा ने कुल 54 में से 52 सीटें जीतीं। कर्नाटक में भाजपा ने 28 में से 25 सीटें जीतीं और एक सीट पर पार्टी ने एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन किया जो जीत गया। इस चुनाव में कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) के साथ गठबंधन के कारण भाजपा वास्तव में 2019 की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसका मतलब यह है कि क्लीन-स्वीप परिदृश्य में भी भाजपा इन राज्यों में अपनी लोकसभा सीटों की संख्या नहीं बढ़ा पाएगी।

उत्तर प्रदेश में क्या हैं समीकरण
उत्तर प्रदेश में भाजपा ने 80 सीटों में 62 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2014 (71) की तुलना में 2019 में बीजेपी को नुकसान हुआ था। हालांकि, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के शामिल होने के कारण भाजपा के 2019 प्रदर्शन में सुधार की संभावना है। अगर आरएलडी और अपना दल दो-दो सीटों पर चुनाव लड़ेंगी तो भाजपा यूपी में कम से कम 76 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसका मतलब यह है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी अपनी सीटों की संख्या में अधिकतम 14 सीटें बढ़ा सकती है।

इसी तरह भाजपा छत्तीसगढ़ और झारखंड में सभी सीटों पर चुनाव जीत जाए तो 2019 की तुलना में सीटों की संख्या में अधिकतम पांच का इजाफा कर सकती है। असम में भाजपा ने राज्य की 14 संसदीय सीटों में से 10 पर चुनाव लड़ा और नौ में जीत हासिल की थी। यदि गठबंधन का फॉर्मूला वहीं रहता है तो उसे यहां से अधिकतम एक और सीट का फायदा हो सकता है।

कुछ ऐसे भी राज्य हैं जहां एनडीए ने जीत हासिल की थी, बीजेपी प्रमुख भागीदार नहीं थी। ऐसे राज्य महाराष्ट्र और बिहार हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा महाराष्ट्र की 25 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 23 पर जीत हासिल की थी। वहीं, बिहार में बीजेपी की स्ट्राइक रेट 100 थी। बिहार में 17 सीटों पर चुनाव लड़ी और सभी पर जीत हासिल की थी। इन राज्यों में लगभग आधे सीट एनडीए की सहयोगियों के पास चले गए थे। ऐसी खबरें हैं कि बीजेपी महाराष्ट्र में 30 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, लेकिन अंतिम फॉर्मूले की घोषणा होना बाकी है।

आपको बता दें कि अभी तक हमने जिन राज्यों के बारे में बात की है वहां लोकसभा की 266 सीटें हैं। बीजेपी अगर क्लीन स्विप भी करती है तो अपनी सीटों की संख्या में अधिकतम 25 का इजाफा कर सकती है।

बंगाल-ओडिशा का क्या है हाल
पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 और ओडिशा में 21 सीटें हैं। भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में क्रमश: 18 और 8 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2014 की तुलना में इन दोनों राज्यों में अपना वोट शेयर बढ़ाया था। भाजपा को इन दोनों राज्यों में अधिक लाभ की संभावना है। पश्चम बंगाल में बीजेपी अच्छी स्थिति में दिख रही है। ओडिशा में अगर नवीन पटनायक की पार्टी के साथ गठबंधन करती है तो बीजेपी का व्यक्तिगत लाभ सीमित रहमे की संभावना है।

बीजेपी के लिए दक्षिणी चुनौती
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल में कोई सीट नहीं जीता। हालांकि, तेलंगाना में चार सीटों का लाभ हुआ था। इन चार राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 101 सीटें हैं। आंध्र प्रदेश में भाजपा ने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के साथ गठबंधन किया है। यहां बीजेपी के अधिकतम चार सीटों का फायदा की उम्मीद है। टीडीपी के साथ सीट शेयरिंग में बीजेपी को यहां चार सीटें मिली हैं।

पंजाब में लोकसभा की 13 सीटें हैं। वहीं, मणिपुर, मेघालय और गोवा में दो-दो सीटें, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में एक-एक और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की पांच सीटें हैं। पुडुचेरी, लद्दाख, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली और लक्षद्वीप में एक-एक सीटें हैं। भाजपा के पास इन 32 सीटें में से सिर्फ 7 सांसद हैं। बीजेपी को यहां कोई बड़ा लाभ मिलने की संभावना नहीं है।