मुजफ्फरनगर में 172 गांवों की 3632 महिलाओं को मिला स्वयं सहायता समूहों से मिला रोजगार

In Muzaffarnagar, 3632 women from 172 villages got employment from self-help groups
In Muzaffarnagar, 3632 women from 172 villages got employment from self-help groups
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मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर में उन्नतिशील गन्ना बीज उत्पादन एवं वितरण कार्यक्रम महिलाओं के रोजगार का बड़ा साधन साबित हो रहा है। कार्यक्रम के तहत आठ चीनी मिल क्षेत्र के 172 गांवों में कार्यरत महिला स्वयं सहायता समूहों में कार्यरत 3632 महिलाओं ने 1.2 करोड़ कमाए।

एसीएस आर भूसरहेड़ी के मिशन से मिली संजीवनी

कोरोना काल में जब आम जन के लिए रोजगार एक सपना बन गया था। ऐसे समय में अपर मुख्य सचिव आर भूसरहेड़ी की एक सोच ने उक्त आपदा को महिलाओं के लिए अवसर में बदल दिया था। 2020 के दौरान शुरू हुए उन्नतिशील गन्ना बीज उत्पादन एवं वितरण कार्यक्रम से महिलाओं को आजीविका चलाने में बहुत सहायता मिली। लाकडाउन के दौरान महिलाओं को रोजगार मिलता रहा।

172 गांव से उठा महिला बेरोजगारी संकट

जिले में संचालित उन्नतिशील गन्ना बीज उत्पादन एवं वितरण कार्यक्रम ने महिलाओं के लिए घर बैठे रोजगार का साधन उपलब्ध कराया है। कार्यक्रम के तहत 8 चीनी मिल क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले 172 गांव में इतने ही स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं। जिनमें 3632 महिलाएं कार्यरत हैं।

सिंगल बड व बड चिप विधि से पौध हो रही तैयार

कार्यक्रम के तहत कार्यरत 172 स्वयं सहायता समूहों में महिलाएं दो तरह की गन्ने की सीडलिंग तैयार कर रही हैं। जिनमें सिंगल एवं बड चिप विधि से सीडलिंग तैयार किया जा रहा है। सिंगल बड विधि से एक सीडलिंग या गन्ने की एक पौध की बिक्री 2.60 रुपये की होती है। जिसमें 1.30 रुपये किसान तथा इतनी ही सब्सीडि सरकार प्रदान करती है। जबकि बड चिप विधि से तैयार सीडलिंग यानी गन्ने की एक पौध की कीमत 3 रुपये प्रदान की जाती है। जिनमें आधे सरकार की और से सब्सीडि के रूप में दिये जाते हैं, जबकि आधे क्रेयता देता है।

वर्ष 2021-22 में तैयार किेये 7788350 सीडलिंग

जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय के रिकार्ड के अनुसार जिले में कार्यरत 172 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से वर्ष 2021-22 के दौरान 7788350 तैयार किये गए। जिनमें सिंगल बड विधि से तैयार सीडलिंग 6002126 तथा बड चिप विधि से तैयार सीडलिंग की संख्या 1786224 है।

कार्यक्रम प्रत्येक स्तर पर हुआ श्रम साध्य साबित

कार्यक्रम में शामिल महिलाएं अपने कार्य के लिए पूर्ण समर्पित है। कार्यक्रम के तहत सीडलिंग तैयार करना प्रत्येक स्तर पर श्रम साध्य है। पहले स्टेप से लेकर पौध तैयार कर उसे किसानों तक पहुंचाने में कई प्रकार की सावधानियां अपनाने की आवश्यकता होती है। जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय के निर्देशन में चल रहे कार्यक्रम के तहत जिले की 8 चीनी मिल क्षेत्रों में गन्ना पौध यानी सीडलिंग तैयार हो रहा है।

जिनसे वर्ष 2021-22 के तहत खतौली चीनी मिल क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को 1512000 रुपये, मंसूरपुर चीनी मिल क्षेत्र की महिला समूहों को 2365011, मोरना क्षेत्र में 1602570, बुढाना क्षेत्र में 1786290, रोहाना कला मिल क्षेत्र में 1626970 तथा तितावी मिल क्षेत्र की महिलाओं को 1750548, खाईखेड़ी मिल क्षेत्र में 1251561 एवं टिकौला चीनी मिल क्षेत्र में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सीडलिंग तैयार करने के एवज में 988000 रुपयो की आमदनी हुई। इस तरह 172 स्वयं सहायता समूहों में कार्यरत 3632 महिलाओं को 12882950 रुपये की आमदनी हुई।

महिलाओं को मिला रोजगार, किसानों को उन्नत पौध

जिला गन्ना अधिकारी डा. आरडी द्विवेदी का कहना है कि इस स्कीम के तहत जिले की हजारों महिलाओं को घर बैठे रोजगार प्राप्त हो रहा है। वहीं किसानों को उन्नत किस्म की गन्ने की पौध मिल रही है। उन्होंने बताया कि हजारों महिलाओं को रोजगार पा रही हैं तथा प्रशिक्षित भी हो रही हैं।