Income Tax : टैक्स घटेगा या बढ़ेगा? सर्वे से मिले संकेत

Income Tax: Will the tax decrease or increase? survey pointers
Income Tax: Will the tax decrease or increase? survey pointers
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नई दिल्ली : क्या इनकम टैक्स छूट की लिमिट (Income tax exemption limit) में विस्तार होगा? क्या टैक्स छूट की लिमिट 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख या 7.5 लाख की जा सकती है? क्या 80 सी (80C) के तहत आयकर छूट की सीमा का विस्तार होगा? क्या होम लोन में प्रिंसिपल अमाउंट के रिपेमेंट पर अलग से टैक्स छूट मिलेगी? क्या होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की लिमिट (Tax Exemption Limit on Home Loan Interest) बढ़ेगी? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जो बजट (Budget 2023) से पहले हम सब के मन में हैं। बीते वर्षों में जिस तरह से महंगाई बढ़ी है, उससे जीवन जीने की लागत में इजाफा हुआ है। ऐसे में अब इनकम टैक्स छूट की सीमा भी बढ़नी चाहिए। आम जनता से लेकर एक्सपर्ट्स तक सभी का यही कहना है। आयकर छूट की बेसिक लिमिट को बढ़ाना समय की मांग है। इसी तरह इनकम टैक्स से जुड़ी दूसरी मांगों के पीछे भी पर्याप्त कारण हैं।

अच्छा रहा है डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज मंगलवार को संसद में इकॉनमिक सर्वे (Economic Survey) पेश किया है। इस सर्वे में बताया गया कि अप्रैल से नवंबर 2022 के दौरान सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Direct Tax Collection) शानदार रहा है। हालांकि, सर्वे से ऐसा कोई संकेत नहीं मिलता है कि सरकार बजट 2023 में टैक्स के मोर्चे पर राहत दे सकती है। सर्वे में कहा गया कि केंद्र सरकार के फाइनेंस ने वित्त वर्ष 2023 के दौरान लचीला प्रदर्शन दिखाया है। आर्थिक गतिविधियों में सुधार, डायरेक्ट टैक्स और जीसएसटी से रेवेन्यू में उछाल से मदद मिली है।

15.5 % बढ़ा टैक्स रेवेन्यू

इकॉनमिक सर्वे में बताया गया कि अप्रैल से नवंबर 2022 के दौरान सकल कर राजस्व में साल-दर-साल आधार पर 15.5 फीसदी की ग्रोथ हुई है। डायरेक्ट टैक्सेज और जीएसटी में मजबूत ग्रोथ के चलते टैक्स रेवेन्यू बढ़ा है। साल के पहले आठ महीनों में डायरेक्ट टैक्स में ग्रोथ उनके लॉन्ग टर्म एवरेजेज की तुलना में बहुत अधिक थी। जीएसटी (GST) की बात करें, तो यह सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट्स के लिए रेवेन्यू का एक महत्वपूर्ण सोर्स बन गया है। अप्रैल से दिसंबर 2022 के दौरान सकल जीएसटी कलेक्शन 24.8 फीसदी बढ़ा है।

सरकार ज्यादा कर रही खर्चा

सरकार का पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) पर काफी जोर है। रेवेन्यू में इजाफे के साथ-साथ ही सरकार का पूंजीगत व्यय भी बढ़ा है। केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय जीडीपी के 1.7 फीसदी (FY09 से FY20) के लॉन्ग टर्म एवरेज से बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में GDP का 2.5 फीसदी हो गया है। केंद्र ने ब्याज फ्री लोन के माध्यम से राज्य सरकारों को भी प्रोत्साहित किया है और कैपेक्स पर उनके खर्च को प्राथमिकता देने के लिए उधार लेने की सीमा बढ़ा दी है।

ज्यादा खर्चा ज्यादा डेवलपमेंट

सड़कों-राजमार्गों, रेलवे, और आवास तथा शहरी मामलों जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर-इंटेंसिव सेक्टर्स पर जोर देने के साथ कैपेक्स में वृद्धि का मध्यम अवधि के विकास के लिए बड़े पैमाने पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सरकार की कैपेक्स-आधारित विकास रणनीति है।

क्या इनकम टैक्स पर मिल सकती है बड़ी राहत

केंद्र सरकार भारत को जल्द से जल्द 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाना चाहती है। इसके लिए बड़ी मात्रा में पूंजीगत खर्च करना होगा। इसके लिए जरूरी रकम का एक हिस्सा सरकार के रेवेन्यू से आता है। ऐसे में सरकार के लिए टैक्स रेवेन्यू का बढ़ना जरूरी है। सरकार नहीं चाहेगी कि टैक्स के मोर्चे पर कोई बड़ी राहत देकर टैक्स रेवेन्यू को कम किया जाए।