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तेहरान: सीरिया में पिछले सप्ताह अपने वाणिज्य दूतावास पर हमले और अपने सीनियर कमांडर की हत्या के बाद से ईरान भड़का हुआ है। ईरान ने अपने राजनयिक परिसर पर हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था और बदला लेने की कसम खाई है। माना जा रहा है कि ईरान इजरायल पर हमले की तैयारी कर रहा है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बीते बुधवार को एक सार्वजनिक संबोधन में इजरायल को सजा देने की बात कही थी, जिसके जवाब में इजरायल के विदेश मंत्री ने ईरान के अंदर घुसकर हमला करने की धमकी दी थी। हालांकि, लगातार धमकियों के बाद भी अभी तक ईरान ने कोई प्रतिक्रिया दी नहीं है तो इसकी वजह वो डर है जो उसे अंदर बैठा हुआ है।
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इजरायली धरती पर कोई हमला मध्य पूर्व में एक व्यापक संघर्ष शुरू कर सकता है। अमेरिका ने पहले ही कहा है कि ईरान ने अगर हमला किया तो वह इजरायल की रक्षा के लिए सब कुछ करेगा। ऐसे में ईरान की कोई भी कार्रवाई अमेरिका और इजरायल के दूसरे सहयोगियों को उसकी तरफ ला सकती है। अगर ऐसा होता है कि ईरान को ऐसा नुकसान होने की आशंका है जिससे उबरना मुश्किल होगा। ईरान के लिए इजरायल की सैन्य क्षमता से मुकाबला करना भी आसान नहीं है। यही वजह है कि ईरान ने जहां दूसरे पक्ष को अलर्ट कर रखा है, वहीं वह खुद उससे भी ज्यादा अलर्ट मोड पर है।
गाजा से हट जाएगा दुनिया का ध्यान
ईरान के लिए एक मुश्किल और है कि अगर इजरायल के साथ नई जंग शुरू होती है तो दुनिया का ध्यान गाजा में चल रही इजरायल की जंग से दूर होगा। गाजा की जंग के चलते इजरायल की दुनिया में आलोचना हो रही है और फिलिस्तीनी नागरिकों के ऊपर हमलों को लेकर उस पर अमेरिका का दबाव बढ़ रहा है। ऐसे में अगर ईरान का हमला इजरायल के लिए एक राहत की तरह होगा। इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू भी गाजा से दुनिया का ध्यान हटाना चाहते हैं।
ईरान के पास क्या हैं विकल्प?
खुद हमला न करने की स्थिति में ईरान के पास लेबनान में हिजबुल्ला और यमन में हूतियों के नेतृत्व वाले चरमपंथी लड़ाकों का समूह है। ईरान अपने इन प्रॉक्सी को इजरायल के खिलाफ आक्रामकता बढ़ाने के लिए कह सकता है। लेबनान से लगी इजरायल की सीमा पर हिजबुल्लाह तो पहले ही गोलीबारी और रॉकेट से हमले कर रहा है। शुक्रवार देर रात हिजबुल्लाह ने इजरायल के ऊपर 40 से अधिक रॉकेट दागे। वहीं, हूती चरमपंथी लाल सागर में जहाजों को निशाना बना रहे हैं।
इजरायल ने किस खौफ के चलते तैनात किया सी-डोम डिफेंस सिस्टम?
ईरान के पास एक उदाहरण साल 2020 में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या है। सुलेमानी ईरान की सबसे एलीट कुद्स फोर्स के मुखिया थे, जिन्हें अमेरिका ने ड्रोन हमले में मार दिया था। उस घटना ने वैश्विक युद्ध की आशंका पैदा कर दी थी। लेकिन ईरान ने मामले को बढ़ाने के बजाय सिर्फ दिखावे के लिए अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर गैर-घातक हमलों का विकल्प चुना। फिलहाल, ईरान की क्या योजना है यह तो किसी को नहीं पता लेकिन उसकी धमकियों ने इजरायल से लेकर अमेरिका तक को अलर्ट पर रखा है।