जीतन राम मांझी ने फिर की शराब पीने की वकालत, बोले- थोड़ी- थोड़ी…

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बिहार (BIHAR) के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर थोड़ी- थोड़ी शराब पीने की वकालत की है. शराबबंदी वाले बिहार में उन्होंने कहा है कि शराब दवा की तरह लीजिए. तो वहीं गया में तथाकथित नक्सलियों द्वारा की जा रही भारी अफीम की खेती पर जीतनराम मांझी ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. इस विषय पर हम अधिकारियों से बात करेंगे. गया के इमामगंज विधानसभा के भंगिया में कंबल वितरण के बाद उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और डॉक्टरों ने भी कहा है की दवा की तरह शराब लेना बुरा नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने ज्यादा शराब पीने को गलत बताया है.

तेजप्रताप यादव के उस बयान पर जिसमें उन्होंने जीतनराम मांझी के एनडीए के साथ आने की बात कही थी. इसपर उन्होंने कहा कि तेज प्रताप यादव ख्याली पुलाव पकाते रहते हैं. हम एनडीए को छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले हैं.

शराब बुरी पर दवा के रूप में सही
शराबबंदी को लेकर उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री के तमाम प्रयासों के बावजूद बिहार में शराब बंद नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि दवा के तौर पर शराब लेने में कोई बुराई नहीं है. जीतनराम मांझी ने कहा कि मेरे माता पिता भी शराब बनाकर पीते थे. एक दिन पिताजी ने शराब पीने के बाद मां की पिटाई कर दी जिससे वह जख्मी हो गई. इस घटना के बाद मैं पिताजी पर भड़क गया और उन्हें कहा कि शराब पीएंगे तो हमलोग पढ़ाई नहीं करेंगे. जिसके बाद उन दोनों ने शराब पीना छोड़ दिया. मांझी ने कहा कि हमने पढ़ाई की और यहां तक पहुंचे. मेरा छोटा भाई भी इंस्पेक्टर बना था.

शराबबंदी पर सरकार फिर से सोचे-मांझी
मांझी ने एकबार फिर उस बयान को दोहराया कि बड़े लोग शराब पीते हैं. उन्हें सरकार नहीं पकड़ती है. लेकिन गरीब को शराब पीने पर पुलिस पकड़ लेती है. इससे पहले भी जीनराम मांझी ने शराबबंदी पर सरकार से विचार करने की अपील की थी. नालंदा में जहरीली शराब से मौत के बाद मांझी ने कहा था कि नीतीश कुमार को शराबबंदी कानून पर सोचना और विचार करना चाहिए. जब पीएम कृषि कानून को वापस ले सकते हैं तो सीएम भी इस पर विचार करें.