अभी अभीः ईरान का इस्राइल पर बडा हमला, नेतन्याहू की वॉर बैठक, वर्ल्डवार से दहशत में दुनिया

Just now: Iran's big attack on Israel, Netanyahu's war meeting, world in fear due to world war
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लंबे समय से चल रहे तनाव के बाद शनिवार की देर रात ईरान ने इस्राइल पर सीधा हमला किया। इस्राइल रक्षा बल (आईडीएफ) के मुताबिक उनके देश की सीमा के भीतर ड्रोन हमले किए गए। वहीं ईरान की समाचार एजेंसी आईआरएनए ने दावा किया कि बैलिस्टिक मिसाइलों से इस्राइली ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस बीच, अमेरिका और ब्रिटेन ने इस्राइल का समर्थन करने का एलान किया। आईडीएफ के मुताबिक इस्राइली सीमा की रक्षा के लिए सेना मुस्तैद है। बता दें कि हाल ही में इस्राइल ने सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास के हिस्से को निशाना बनाया था। जिसके बाद इसे ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई माना जा रहा है। उधर, इस्राइल के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत ने तत्काल सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक बुलाने की अपील की है।

इस्राइली आयरन डोम ने हजारों ड्रोन इंटरसेप्ट किए
गाजा पट्टी में युद्ध के बीच दोनों देशों की ओर से ताजे हमलों ने पश्चिम एशिया में तनाव को और बढ़ा दिया है। देर रात हुए हमलों के बीच इस्राइल के एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम आयरन डोम ने हवाई हमलों को रोका। रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान की तरफ से हजारों की संख्या में ड्रोन इस्राइली हवाई सीमा में भेजे गए। इसके बाद से हालात बेहद तनावपूर्ण और नाजुक बने हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव चिंतित; हमले की कड़ी निंदा की
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरस ने हमले की निंदा की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी बयान में कहा, ‘मैं ईरान की तरफ से इस्राइल पर बड़े पैमाने पर किए गए हमले के बाद पैदा हुई गंभीर हालात की कड़ी निंदा करता हूं। मैं दुश्मनी को तत्काल समाप्त करने का आह्वान करता हूं।’ उन्होंने साफ किया कि पश्चिम एशिया के साथ-साथ दुनिया एक और युद्ध बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र में इस्राइली राजदूत का बयान
संवेदनशील हालात के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र में इस्राइली राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि उन्होंने आज रात सुरक्षा परिषद (UNSC) के अध्यक्ष को पत्र भेजा है। उन्होंने कहा, ‘मैंने परिषद की तत्काल बैठक बुलाने की मांग की है। UNSC के मंच पर स्पष्ट रूप से इस्राइल पर ईरान के हमले की निंदा करने की मांग भी की गई है।’ इसके अलावा इस्राइल ने रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग भी की गई। राजदूत के मुताबिक ईरान का हमला विश्व शांति और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है। उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि सुरक्षा परिषद हर तरह से ईरान के खिलाफ कार्रवाई करेगी।’

हमले के बाद इस्राइली सेना क्या बोली?
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं से पहले हमले के तत्काल बाद आईडीएफ प्रवक्ता आरएडीएम डैनियल हगारी ने कहा, सहयोगियों के साथ मिलकर आईडीएफ इस्राइल और यहां की जनता की रक्षा के लिए पूरी ताकत से काम कर रहा है। उन्होंने कहा, मिशन को पूरा करने के लिए आईडीएफ प्रतिबद्ध है।

ईरान ने इस्राइल को मुंहतोड़ जवाब देने की धमकी दी; सड़कों पर उतरी आक्रोशित इस्राइली जनता
बढ़ते तनाव के बीच एक अन्य अहम घटनाक्रम में ईरान ने होरमुज की खाड़ी में एक मालवाहक जहाज को जब्त कर लिया। ईरान के मुताबिक यह इस्राइल से जुड़ा जहाज है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक ईरान ने धमकी दी है कि अगर सीरिया में उसके दूतावास को निशाना बनाया गया तो वह इस्राइल को मुंहतोड़ जवाब देगा। इस्राइली जनता में आक्रोश की खबर भी सामने आई है। खबरों के मुताबिक हजारों की संख्या में जनता सड़कों पर उतर आई है। खबर के मुताबिक जनता ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मांग की है कि छह महीने से अधिक समय से जारी गाजा पट्टी में युद्ध को समाप्त कर हमास के कब्जे में फंसे बंधकों को मुक्त कराने का कूटनीतिक रास्ता अपनाएं।

जर्मन चांसलर ने भी हमले की कड़ी निंदा की है

ईरान-इस्राइल तनाव पर अमेरिकी राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा, मध्य पूर्व की घटनाओं पर चर्चा करने के लिए उन्होंने अपने इस्राइली समकक्ष हानेग्बी से बात की। सुलिवन के मुताबिक उन्होंने इस्राइली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को उनके देश की सुरक्षा के मामले में अमेरिका की तरफ से दृढ़ प्रतिबद्धता का भरोसा दिलाया है।

व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के आधिकारिक प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा, ईरान ने इस्राइल के खिलाफ हवाई हमला शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति बाइडन को उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम पूरी जानकारी दे रही है। व्हाइट हाउस में बाइडन बैठक भी करेंगे। राष्ट्रपति बाइडन की टीम इस्राइली अधिकारियों के साथ-साथ अन्य साझेदारों और सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में है। राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया है कि इस्राइल की सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिका मजबूती से समर्थन कर रहा है।

इस मामले पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी प्रतिक्रिया दी। इस्राइल पर ईरान के हमले के बाद सुनक ने कहा कि वे ईरान की निंदा करने के साथ-साथ इस्राइल का समर्थन करते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, हमास ने इस्राइल की युद्धविराम की मांग को खारिज कर दिया। हमास के मुताबिक वह अपनी मुख्य मांगों पर कायम है। एक अन्य देश से जुड़े घटनाक्रम पर रॉयटर्स ने बताया, जॉर्डन ने कहा है कि उसकी वायु सेना हवाई सीमा का उल्लंघन करने वाले किसी भी ईरानी विमान को मार गिराने के लिए तैयार है।

जॉर्डन ने अस्थायी रूप से बंद किया अपना हवाई क्षेत्र
रॉयटर्स के मुताबिक, इस बीच जॉर्डन ने अस्थायी रूप से अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। एएफपी की रिपोर्ट में कहा गया कि ईरान के ड्रोन हमले के चलते इस्राइल के विमानन अधिकारी सभी उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करेंगे।

इस्राइल के अंदर दागीं बैलिस्टिक मिसाइलें
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए ने कहा कि तेहरान ने इस्राइल में मौजूद ठिकानों पर बैलिस्टिक मिलाइलें दागी हैं। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, लेबनान के ईरान समर्थित चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह ने कहा कि इस्राइल के कब्जे वाले गोलन पर रॉकेट दागे गए।

‘ईरान-इस्राइल संघर्ष से दूर रहे अमेरिका’
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन ने भी ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया। इसमें कहा गया कि ईरान की सैन्य कार्रवाई दमिश्क में हमारे राजनयिक परिसर के खिलाफ यहूदीवादी शासन की आक्रामकता के जवाब में थी। मामला खत्म माना जा सकता है। हालांकि, अगर इस्राइली शासन एक और गलती करता है, तो ईरान की प्रतिक्रिया काफी ज्यादा गंभीर होगी। यह ईरान और दुष्ट इस्राइली शासन के बीच एक संघर्ष है, जिससे अमेरिका को दूर रहना चाहिए।