कंगना रनौत की राह नहीं आसान! मंडी लोकसभा से जीतता रहा शाही खानदान

Kangana Ranaut's path is not easy! Royal family keeps winning from Mandi Lok Sabha
Kangana Ranaut's path is not easy! Royal family keeps winning from Mandi Lok Sabha
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मंडी; हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से भाजपा का टिकट मिलने के बाद से ही अभिनेत्री कंगना रनौत चर्चा में हैं. वह चाय पे चर्चा कर रही हैं, रैलियों को संबोधित कर रही हैं. फिल्मी सितारे को अपने बीच देख लोग कौतूहल के साथ उन्हें देखने और सेल्फी लेने पहुंच रहे हैं. हालांकि मंडी सीट पर भाजपा के असंतुष्टों और पूर्व शाही परिवार के प्रभाव से कंगना की राह मुश्किल हो सकती है. आइए जानते हैं मंडी के राजा खानदान के बारे में.

तीन बार जीते महेश्वर सिंह

बॉलीवुड में अपने अभिनय का जलवा बिखेरने वाली कंगना रनौत पहली बार चुनाव मैदान में हैं. भाजपा ने उन्हें मंडी से टिकट दिया तो हिमाचल प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और तीन बार सांसद रह चुके महेश्वर सिंह को ठीक नहीं लगा. उन्होंने पार्टी आलाकमान से रनौत को टिकट देने संबंधी फैसले की समीक्षा करने को कह दिया. महेश्वर सिंह कुल्लू के पूर्व शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं और क्षेत्र में उनका अच्छा प्रभाव है. महेश्वर सिंह तीन बार जीते हैं. महेश्वर सिंह ने कहा है कि पार्टी में रनौत का कोई योगदान नहीं है. उन्होंने दावा किया कि उन्हें टिकट देने का वादा किया गया था.

राजकुमारी अमृत कौर यहीं से जीतीं
मंडी संसदीय क्षेत्र में 17 विधानसभा सीट शामिल हैं. इनमें से आठ अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. मंडी लोकसभा क्षेत्र में पूर्व शाही परिवारों का अच्छा-खासा प्रभाव रहा है. इनके वंशजों ने यहां दो उपचुनावों सहित 19 चुनावों में से 13 में जीत हासिल की है. यहां पहली बार हुए लोकसभा चुनावों में पटियाला राजघराने की राजकुमारी अमृत कौर जीती थीं. वह मंडी से सांसद बनने के बाद देश की पहली स्वास्थ्य मंत्री भी बनीं. दिल्ली एम्स की स्थापना का श्रेय उन्हीं को दिया जाता है.

मंडी रियासत के वो राजा

1957 में चुनाव हुए कांग्रेस ने मंडी रियासत के राजा रहे जोगिंद्र सेन बहादुर (Raja Joginder Sen Bahadur) को टिकट दिया. वह जीतकर संसद पहुंचे. वह डिप्लोमेट भी रहे. 1986 में उनका निधन हो गया था.

सुकेत रियासत के किंग

इसके बाद शाही परिवार से आने वाले सुकेत रियासत के राजा ललित सेन मंडी से दो बार जीते.

वीरभद्र सिंह तीन बार जीते

लोग उन्हें प्यार से राजा साहब ही कहते थे. छह बार हिमाचल के सीएम रहे और केंद्र में मंत्री भी रहे. उन्होंने महासू के अलावा मंडी लोकसभा सीट से भी चुनाव जीता था. वीरभद्र सिंह का परिवार भी राजघराने से ताल्लुक रखता है.

प्रतिभा सिंह ने जीता उपचुनाव

2021 में वीरभद्र सिंह के निधन के बाद उपचुनाव में उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह ने मंडी लोकसभा सीट से उपचुनाव जीता था. वीरभद्र सिंह के काम और विरासत को जनता आज भी महत्व देती है. वह इस समय हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष हैं.

इस बार बॉलीवुड ‘क्वीन’

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुख राम तीन बार जीते, राम स्वरूप दो बार और गंगा सिंह ही मंडी से जीते ऐसे सांसद थे जो शाही परिवार से नहीं रहे. ऐसे में देखना यह होगा कि बॉलीवुड की ‘क्वीन’ कंगना रनौत को मंडी की जनता पसंद करती है या नहीं.