
छतरपुर। छतरपुर में बोरवेल में गिरे बच्चे को प्रशासन और पुलिस की टीम ने सात घंटे की अथक मेहनत के बाद सकुशल निकाल लिया है। कलेक्टर और एसपी बच्चे को माता-पिता के साथ एंबूलेंस में बैठाकर अस्पताल ले गए हैं। बच्चा डरा, सहमा है। डॉक्टरों की टीम उसे आईसीयू में रखकर इलाज कर उसके स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए हैं। बता दें कि ओरछा मार्ग पर नारायणपुर इलाके में दोपहर में अखिलेश यादव का 5 साल का बेटा दीपेंद्र खेलते हुए बोरवेल में गिर गया था। सीएम शिवराज ने ट्यूट कर कहा था, कलेक्टर-एसपी को बच्चे के रेस्क्यु के आदेश दिए गए हैं।
बारिश के दौरान रेस्क्यु में दिक्कत थी, फिर भी जुटे रहे
नारायणपुर में बोरवेल में गिरे बच्चे को बचाने के लिए प्रशासन और पुलिस ने शाम तक तमाम व्यवस्थाएं कर ली थीं, लेकिन बारिश के कारण दिक्कत आ रही थी। बावजूद इसके कलेक्टर संदीप और एसपी सचिन शर्मा ने हार नहीं मानी और टीम के साथ खुद डटे रहे। बोरवेल से दूरी बनाकर जेसीबी से खाई नुमा रास्ता बनाकर बोरवेल में बच्चे के फंसे होने के स्थान तक रात करीब 10 बजे तक पहुंच सके।
प्रशासन और ग्रामीण ने सबसे पहले बारिश से बोरवेल और बच्चे को बचाने के लिए मौके पर अस्थाई छतरीनुमा स्ट्रक्चर बनाया था, ताकि पानी बोरवेल में न जा सके। बच्चे को सांस लेने में दिक्कत न हो, इसके लिए पाइप के सहारे ऑक्सीजन दी जा रही थी। बोरवेल में कैमरे डालकर बच्चे पर हर पल नजर रखी जा रही थी। इधर टीमें आपने काम में जुटी रहीं। करीब 8 घंटे तक दीपेंद्र बोरवेल में फंसा रहा, रात करीब 10 बजे के आसपास उसे सकुशल निकाला गया।
माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल था, प्रशासन संबल दिए रहा
दीपेंद्र के बोरवेल में गिरने की जानकारी लगने के बाद से माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल हा गया था। ग्रामीण और खुद कलेक्टर-एसपी उन्हें बच्चे को सकुशल निकालने को लेकर आश्वस्त करते उनका संबल बनाए रखे। बीच-बीच में पिता अखिलेश और मां बच्चे को आवाज लगाकर उससे बात करने की कोशिश भी करते रहे, ताकि वह डरे नहीं।