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नई दिल्ली: मोदी सरकार देश के साथ करोड़ों-अरबों की ठगी करने वाले और देश छोड़कर विदेशों में छुपे हुए जालसाजों को उनके सिखचों से खिंचकर स्वदेश लाने की तैयारी में जुट गई है। जी हां, भारत सरकार ने उन चूनाबाजों को देश वापस लाने के लिए कमर कस ली है, जिन्होंने देश के करोड़ों करदाताओं की गाढ़ी कमाई को लेकर विदेश चंपत होने का काम किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर किये एक पोस्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है, “रक्षा डीलर संजय भंडारी, हीरा व्यापारी नीरव मोदी और किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमोटर विजय माल्या सहित भारत के सर्वाधिक वांछित भगोड़ों के प्रत्यर्पण में तेजी लाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय टीम जल्द ही लंदन जाएगी।”
बताया जा रहा है कि सरकार देश से घपला करके विदेश भागने वालों की जल्दी वापसी के लिए तेजी से काम करने का मूड बना रही है। इसके अलावा जांच एजेंसियों की टीमे लंदन में आराम फरमा रहे सभी भगोड़ों की अवैध कमाई का पता लगाने का प्रयास करेगी, जो उन्होंने भारत से लूटे गये पैसों से ब्रिटेन सहित अन्य देशों में खरीदी है।
खबरों के अनुसार भगोड़ों को विदेश से लाने वाले दल की अगुवाई विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं। इसके लिए लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने वहां के अधिकारियों के साथ बैठकें भी तय कर ली हैं। भारत से जा रहे अधिकारियो की कोशिश होगी कि वो इन बैठकों में उन सबूतों को इकट्ठा करेंगे, जिनसे पता चल सके कि इस सभी भगोड़ों ने लंदन में कितनी संपत्ति जमा की है और उनके बैंक खातों में किस तरह के लेनदेन हुए हैं।
मालूम हो कि हथियार डीलर संजय भंडारी साल 2016 में फरार है। इससे पहले आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने यूपीए सरकार के दौरान हुए कई रक्षा सौदों की जांच शुरू की थी। ईडी के मुताबिक संजय भंडारी ने दलाली के पैसों से लंदन और दुबई में करोड़ों-अरबों की संपत्ति बनाई है। जिन संपत्तियों को बाद में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के करीबी सहयोगी कहे जाने वाले सीसी थंपी के कंपनियों के नाम कर दिया गया था।