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शिमला: Shimla Landslide : हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन ( Himachal Pradesh Landslide) की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा घटना शिमला के जेओरी इलाके में हुई. पहाड़ों से बड़ी तादाद में मलबा नीचे आने के कारण नेशनल हाईवे (Kinnaur Shimla National Highway) जाम हो गया. हालांकि इस घटना में किसी जानमाल के नुकसान की कोी खबर नहीं है. रामपुर के एसडीएम और पुलिस टीम को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है. इससे पहले हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई जिलों में भी भूस्खलन की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें काफी संख्या में लोग मारे भी गए हैं.
पहाड़ी इळाकों में बारिश के मौसम में भूस्खलन यानी लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ जाती हैं. हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा घटना शिमला के जेओरी इलाके में हुई. पहाड़ों से बड़ी तादाद में मलबा नीचे आने के कारण नेशनल हाईवे जाम हो गया. हालांकि इस घटना में किसी जानमाल के नुकसान की कोी खबर नहीं है. रामपुर के एसडीएम और पुलिस टीम को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है.
भूस्खलन के बाद शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे को बंद कर दिया गया है. कुछ दिनों पहले ही शिमला के विकास नगर इलाके में भी ऐसा ही भूस्खलन हुआ था. जबकि लाहौल स्पीति जिले के नालदा गांव में भी चेनाब नदी के पास लैंडस्लाइड की घटना हुई थी. वहीं भूस्खलन की सबसे भयंकर घटना 11 अगस्त को हुई थी.
तब किन्नौर जिले में पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर सड़क पर खड़े वाहनों को कुचलते चले गए थे. उस हादसे में 25 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे. दुर्घटना की चपेट में एक ट्रक और यात्रियों से भरी हिमाचल रोडवेज की बस आ गई थी. बर किन्नौर से शिमला की ओर जा रही थी.
हिमाचल के किन्नौर जिले की सांगला वैली में 25 जुलाई को भी लैंडस्लाइड हुआ था, जिसमें 9 पर्यटकों की जान चली गई थी. ये सभी टूरिस्ट दिल्ली-एनसीआर के थे. वहीं उत्तराखंड की तोता पहाड़ी में 10 अगस्त को पहाड़ से सड़क पर एक विशालकाय पत्थर गिरा था, लेकिन समय रहते वहां लोग वाहन छोड़कर भाग खड़े हुए. इससे तमाम लोगों की जानें बच गईं.