मुजफ्फरनगर निकाय चुनावः जीत के दावे दोनों कर रहे, पर बुरी तरह उलझा वोटो का गणित

Muzaffarnagar Municipal Election: Both are claiming victory, but the math of votes is badly confused
Muzaffarnagar Municipal Election: Both are claiming victory, but the math of votes is badly confused
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मुजफ्फरनगर। जिले के दस स्थानीय निकायों में नए अध्यक्ष व अपने वार्ड के सदस्य का चुनाव करने के लिए मतदाताओं ने मतपत्रों पर मुहर लगाकर निर्णय को मतपेटियों में सील कर दिया. इसके साथ ही जीत-हार को लेकर आंकड़ों का दौर अलग-अलग रूपों में सामने आता रहा।

जिले में सबसे ज्यादा चर्चा मुजफ्फरनगर नगर पालिका में चेयरमैन के चुनावी संग्राम को लेकर हो रही है. दो हार के बाद यहां सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही भाजपा ने पूरे जोश के साथ जनता के समर्थन से चुनाव जीतने का दावा किया है, वहीं सपा और गठबंधन ने भी अपनी बड़ी जीत का दावा पेश किया है। जहां दोनों पार्टियों में जीत का उत्साह है, वहीं वोट प्रतिशत कम होने से दोनों पार्टियों में इधर-उधर वोट खिसकने का भी डर है

मुजफ्फरनगर नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए दस प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें भाजपा से मीनाक्षी स्वरूप पत्नी गौरव स्वरूप, सपा गठबंधन से लवली शर्मा पत्नी राकेश शर्मा, बसपा से रोशनजहां पत्नी इंतजार त्यागी उर्फ ‘प्रधानजी’ और कांग्रेस से बिलकिस चौधरी एडवोकेट पत्नी हाकम अली के साथ ही ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से छोटी पत्नी गुलबहार मलिक शामिल हैं. लेकिन चुनाव में सीधा मुकाबला लवली शर्मा और मीनाक्षी स्वरूप के बीच देखने को मिला. गुरुवार को वोटिंग खत्म हो गई। 4.21 लाख मतदाताओं वाली इस नगर पालिका में 50.24 फीसदी मतदान हुआ, जो काफी कम माना जाता है. इसमें 211759 मतदाताओं ने ही वोट डाला है।

मतदान के बाद मुस्लिम बहुल इलाकों में अधिक मतदान के शोर ने भाजपा खेमे में बेचैनी का माहौल पैदा कर दिया, लेकिन देर रात जब जिला निर्वाचन कार्यालय ने बूथों पर मतदान का प्रतिशत जारी किया. तो सारी स्थिति स्पष्ट हो गई। इसमें लवली शर्मा और मीनाक्षी स्वरूप जैसे राजनीतिक दलों के प्रभाव वाले क्षेत्रों और वोट बैंक से जुड़े मुख्य क्षेत्रों के बूथों पर मतदान प्रतिशत लगभग बराबर है.