उत्तराखंड में पत्थरबाजों को बाहरी बताकर अपने बयान में उलझी पुलिस

Police in Uttarakhand confused in its statement by calling stone pelters as outsiders
Police in Uttarakhand confused in its statement by calling stone pelters as outsiders
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देहरादून: कोर्ट में पुलिस ने आरोपियों की जमानत का विरोध किया। लेकिन, खुद पुलिस अधिकारियों के बयान ही जमानत का आधार बने। बचाव पक्ष ने मजबूत तर्क रखा कि जब पथराव और उपद्रव में पुलिस बाहरी लोगों का हाथ बता रही है तो बेवजह इन 13 युवाओं को जेल में क्यों रखा जा रहा है। कोर्ट ने इस तर्क को भी जमानत का बड़ा आधार माना है। दरअसल, पथराव और उपद्रव के बाद पुलिस कप्तान ने बयान जारी कर कहा था कि इसमें युवाओं का हाथ नहीं है। धरने में बाहर से कुछ असामाजिक तत्व शामिल हो गए थे। उन्होंने युवाओं के बीच से पथराव किया है। इसमें पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं।

इस बात को बचाव पक्ष ने कोर्ट के सामने रखा और बताया कि पुलिस पथराव करने वालों को चिन्हित कर रही है। इनमें से कोई भी बॉबी और जेल में बंद उनका साथी नहीं है। पुलिस खुद मान रही है कि पथराव बाहरी तत्वों ने किया है तो इन 13 को जेल में बंद रखने का कोई औचित्य नहीं है। इस पर कोर्ट ने माना कि इन मुदकमों में कोई भी आरोपी जेल नहीं गया है। ऐसे में सिर्फ मुकदमे दर्ज होना जमानत रद्द करने का आधार नहीं है।