अतीक के ठिकाने पर छापेमारी… शाइस्ता के पीछे अब यूपी पुलिस, उमेश के हत्यारों पर त्वरित कार्रवाई

Raid on Atiq's hideout... UP police now behind Shaista, prompt action on Umesh's killers
Raid on Atiq's hideout... UP police now behind Shaista, prompt action on Umesh's killers
इस खबर को शेयर करें

प्रयागराज. प्रयागराज में उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या को 27 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक पांचों शूटर फरार है. प्रयागराज पुलिस और यूपी एसटीफ की कई टीमें छापेमारी कर रही हैं. इस बीच उमेश पाल हत्याकांड की साजिश में शामिल पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब शाइस्ता परवीन गिरफ्तारी के लिए 3 टीमें लगी हुई हैं.

माफिया डॉन अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन के चुनाव के दौरान हमेशा साथ रहने वाली 2 महिलाएं भी पुलिस के रडार पर आई हैं. चुनाव के बाद से दोनों महिलाएं शाइस्ता के साथ चलती थी. इससे पुलिस ने अतीक अहमद के ठिकाने से 10 असलहों और भारी मात्रा में कैश के साथ पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें अतीक के ड्राइवर और नौकर हैं.

शाइस्ता के साथ रहने वाली दो महिलाएं कहां है?

पुलिस ने तैयार की अतीक के गुर्गों की हिटलिस्ट, अब छापेमारी की बारी
गिरफ्तार आरोपियों कैश अहमद और राकेश से पूछताछ के बाद पुलिस को शाइस्ता परवीन की अहम जानकारियां हाथ लगी हैं, जबकि मो. शजर से बरामद फोन से साजिश में शामिल अन्य मददगारों की भी जानकारी पुलिस के हाथ आई है. इस बीच प्रयागराज से सटे कौशांबी जिले में एक शख्स को हिरासत में लिया गया है, जो अतीक का करीबी बताया जा रहा है.

रात भर धूमनगंज में छापेमारी, स्प्रिंगफील्ड राइफल बरामद

उमेश पाल हत्याकांड की साजिश में शामिल और अतीक अहमद गैंग से जुड़े 5 लोगों की गिरफ्तारी के बाद प्रयागराज पुलिस हरकत में आई है. रात भर धूमनगंज के खुल्दाबाद करेली इलाके में छापेमारी की गई. करीब 15 लोगों को हिरासत में लिया गया. सूत्रों के अनुसार उमेश पाल हत्याकांड की साजिश की जानकारी रखने वाले अतीक अहमद के तीन गुर्गे भी हिरासत में है.

हिरासत में लिए गए एक गुर्गे के पास से स्प्रिंगफील्ड राइफल भी बरामद हुई. उमेश पाल हत्याकांड में शूटर साबिर स्प्रिंगफील्ड राइफल से ही फायरिंग कर रहा था. कल अतीक अहमद के दफ्तर से स्प्रिंगफील राइफल के कारतूस भी बरामद हुए थे.

इन पांचों को किया गया गिरफ्तार

अतीक के अड्डे से गिरफ्तार हुए आरोपियों में नियाज अहमद, मोहम्मद शजर, कैश अहमद, राकेश कुमार और अरशद खान शामिल है. गिरफ्तार नियाज अहमद के फोन से ही नेट कॉल कर असद जेल में बंद अतीक और अशरफ से बात करवाता था. उमेश पाल हत्याकांड में नियाज़ अहमद को रेकी करने की जिम्मेदारी दी गई थी.

नियाज़ अहमद ने ही उमेश पाल की कचहरी से उसके घर तक रेकी की और कई बार उसका पीछा किया. उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के लिए अतिक के घर (जहां शाइस्ता रहती थी) पर ही बैठक हुई थी. इसी घर में असद के बड़े से कमरे में मीटिंग के दौरान अतीक अहमद को कॉल से जोड़कर फोन को लाउडस्पीकर पर रखा जाता था.

उमेश पाल की लोकेशन देता था मोहम्मद शजर

नियाज अहमद से मिला फोन पुलिस की जांच के दायरे में है. मोहम्मद शजर सलेमपुर का रहने वाला है. उमेश पाल के घर के पास ही रहता था. असद ने आईफोन लेकर मोहम्मद शजर को दिया था, जिस पर अतीक अहमद और अशरफ को मोहम्मद शजर… उमेश पाल की लोकेशन देता था और आने-जाने की पूरी सूचना देता था.

गिरफ्तार अरशद कटरा उर्फ अरशद खान पाल हत्याकांड को अंजाम देने वाली हर मीटिंग में मौजूद रहता था. कैश अहमद 16 साल से अतीक के परिवार का ड्राइवर है. बरामद हुए कैश और असलहों को छुपाने की जिम्मेदारी कैश अहमद को दी गई थी. गिरफ्तार हुआ पांचवा आरोपी राकेश कुमार, अतीक अहमद का 19 साल से घरेलू नौकर रहा है.

अतीक अहमद के ढहे दफ्तर से कैश और असलहे बरामद

उमेश पाल हत्याकांड में असलहों को छिपाने का काम राकेश कुमार उर्फ नाकेश को दिया गया था. राकेश कुमार उर्फ नाकेश और कैश अहमद की निशानदेही पर ही अतीक अहमद के ध्वस्त किए कार्यालय में कैश और असलहे मिले हैं. पुलिस का कहना है कि बरामद असलहे उमेश पाल हत्याकांड में प्रयुक्त हुए थे, जिनकी फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी.

कहां शूटरों का लीडर असद?

यूपी पुलिस और यूपी एसटीएफ के लिए जिस एक नाम ने सिरदर्दी सबसे ज़्यादा बढ़ाई वो है अतीक अहमद का बेटा असद अहमद. ये वही नाम है जिसकी शक्ल सीसीटीवी की तस्वीरों में दिखाई दी थी और पुलिस के दावे पर यकीन किया जाए तो यही वो शख्स था… जिसने शूटरों को लीड किया और उमेश हत्याकांड को अंजाम दिया…मगर वो कहां है कोई नहीं जानता?

उमेश पाल हत्याकांड में पिस्टल से अंधाधुंध फायरिंग करने वाला और उमेश पाल की हत्या करने में सबसे अहम रोल निभाने वाला असद कितना शातिर है? इसका खुलासा अब पूरी तरह से हो चुका है. अतीक के तीसरे नंबर का बेटा असद इतना शातिर है कि पुलिस की आंख में धूल झोंकने का प्लान उसने पहले ही तैयार कर लिया था.

असद ने की थी फुलप्रूफ प्लानिंग

वारदात के दिन वो इस सफेद क्रेटा कार की पिछली सीट पर बैठा था. बताया जा रहा है कि उसे सिर्फ इस वजह से मौके पर भेजा गया था ताकि अपनी निगरानी में इस लाइव एक्शन को अंजाम दे सके, लेकिन जोश में न केवल वो क्रेटा कार से उतर गया बल्कि फायरिंग करने लगा. बस असद की यही गलती उसकी सबसे बड़ी चूक साबित हुई…क्योंकि सीसीटीवी कैमरे में उसका चेहरा कैद हो गया.

हालांकि, अपने जुर्म से बच निकलने का प्लान उसने पहले ही तैयार कर लिया था. असल में पहले से उसके नाम कोई जुर्म दर्ज ही नहीं है. मगर इस जुर्म को उसने अपने चाचा और पिता के कहने पर ही अंजाम दिया. इसका खुलासा तब हुआ जब यूपी एसटीएफ की टीम लखनऊ में यूनिवर्सल अपार्टमेंट के उसके फ्लैट पर छापेमारी के लिए पहुंची.

तफ्तीश को भटकाने के लिए छोड़े सबूत

सबसे हैरानी की बात तो ये खुलकर सामने आई कि असद ने पुलिस को गुमराह करने के लिए कुछ सबूतों को जानबूझकर इस तरीके से मौके पर छोड़े ताकि तफ्तीश की दिशा भटक जाए. लखनऊ के फ्लैट से पुलिस को असद का आईफोन मिला. एसटीएफ के मुताबिक, फोन वहां जानबूझकर छोड़ा था ताकि पुलिस की तफ्तीश को भटकाया जा सके.

22 टीमें, 150 से ज्यादा पुलिसवालों का ऑपरेशन जारी

ये बात साबित की जा सके कि उसकी लोकेशन वारदात के वक़्त लखनऊ में थी, लेकिन सिर्फ फोन ही नहीं अपने एटीएम कार्ड से भी असद ने लखनऊ के एक एटीएम से पैसे निकलवाए ताकि ये साबित कर सके कि वो लखनऊ में ही था. यूपी पुलिस और एसटीएफ की 22 टीमें यानी पूरे 150 से ज़्यादा पुलिसवालों की गारद प्रयागराज हत्याकांड को लेकर रची गई ऐसी तमाम साजिशों का एक-एक कर पर्दाफाश करने की कोशिश में जुटी है.