राजस्थान को मिली 150 एंबुलेंस, गहलोत ने दिखाई हरी झंडी

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जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को अपने कार्यालय से 11 चिरंजीवी 104 जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस को झंडी दिखाकर रवाना किया. राज्य में कुल 600 जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस संचालित की जा रही हैं. ये वर्तमान में गर्भवती महिलाओं और एक वर्ष तक के शिशुओं को एम्बुलेंस सेवा प्रदान करने के लिए है. इन एम्बुलेंस का संचालन गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों के लिए जननी सुरक्षा योजना के तहत किया जा रहा है.

मौजूदा समय में कुल 580 गाड़ियां चल रही है. इनमें से 150 गाडियां बेकार हो चुकी है इसकी जगह पर नई गाड़ियां खरीदी गई हैं. इन गाड़ियों का संचालन प्राइवेट कंपनी के द्वारा किया जाता है. इस योजना की शुरूआत साल 2012 से हुई थी. अलग-अलग फेज में इस योजना के तहत एम्बुलेंस चलाई गई.

अशोक गहलोत ने 11 नई एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इनमें से 150 नए पुराने वाहनों को बदलने के लिए खरीदे गए हैं. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव निरंजन आर्य भी उपस्थित थे. उन्होनें बताया कि शेष वाहन जल्द ही जिलों में उपलब्ध कराए जाएंगे. इस सौगात के बीच एक समस्या और सामने आ रही है सैलरी न मिलने के कारण 18 अक्टूबर को एंबुलेंस ड्राइवर हड़ताल पर जा सकते हैं.

एम्बुलेंस ड्राइवरों ने 18 अक्टूबर तक सैलरी न मिलने पर हड़ताल और संचालन बंद करने की चेतावनी दी है. एम्बुलेंस ड्राइवरों को दो-तीन महीने से सैलरी नहीं मिली है. राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि राज्य में इन एम्बुलेंस का संचालन करने में करीब 1200 ड्राइवर का स्टाफ है. फरवरी में जब से एम्बुलेंस संचालन का कॉन्ट्रैक्ट मॉर्डन इमरजेंसी सर्विसेज को दिया है, तब से वह फर्म ड्राइवरों को 3 महीने के अंतर में सैलरी दे रही है. वीरेन्द्र सिंह ने बताया ड्राइवरों को मिलने वाली सैलरी किसी न किसी कारण काट ली जाती है. साथ ही बताया कि नियमानुसार एम्बुलेंस ड्राइवर का पीएफ और ईएसआई का पैसा कटना चाहिए वह भी नहीं काटा जा रहा और न ही जमा करवाया जा रहा.