क्लास 3 के बच्चे के लिए स्कूल फीस 30,000 रुपये महीना, पिता ने की कंप्लेन तो इंटरनेट पर फूटा लोगों का गुस्सा

School fee for class 3 child is Rs 30,000 per month, father complained, people got angry on the internet
School fee for class 3 child is Rs 30,000 per month, father complained, people got angry on the internet
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Gurugram School Fees: हम सभी जानते हैं कि शिक्षा हर एक बच्चे और शख्स के लिए जरूरी है, लेकिन आजकल बच्चों को अच्छी एजुकेशन दिलाने का इतना ज्यादा खर्च, हर किसी को ये सोचने पर मजबूर कर देता है कि असल में शिक्षा जरूरी है या फिर एक विलासिता बन गई है? हाल ही में, गुरुग्राम के एक रियल एस्टेट कंसल्टेंट ने अपने बेटे की स्कूल फीस को लेकर शिकायत की, जिसने इस बहस को फिर से हवा दे दी. उनकी शिकायत ये थी कि स्कूल फीस हर साल 10% बढ़ती जा रही है, जो बहुत ज्यादा है.

गुरुग्राम के स्कूल में 30000 रुपये महीने की पढ़ाई

एक्स पर अपनी बात रखते हुए उदित भंडारी नाम के शख्स ने स्कूल प्रशासन द्वारा बिना किसी वाजिब कारण के हर साल फीस बढ़ाने के निराशाजनक चलन को उजागर किया. उन्होंने आगे बताया कि जब इस पर सवाल उठाते हैं, तो स्कूल वाले आराम से दूसरे स्कूल ढूंढने की सलाह दे देते हैं. उदित भंडारी ने बताया कि उनका बेटा, जो अभी गुरुग्राम के एक नामी सीबीएसई स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ता है, वहां हर महीने 30,000 रुपये फीस देता है. उनका अंदाजा है कि अगर स्कूल इसी तरह हर साल 10% फीस बढ़ाता रहा, तो उनके बेटे के 12वीं कक्षा तक पहुंचने पर उन्हें हर साल करीब 9 लाख रुपये फीस देनी पड़ेगी.

पैरेंट्स ने की लोगों से शिकायत तो मच गया बवाल

जल्द ही, ये पोस्ट वायरल हो गई और ऐसे ही परेशानी का सामना कर रहे माता-पिताओं ने कमेंट सेक्शन में अपनी राय रखनी शुरू कर दी. एक शख्स ने लिखा, “हमारे डीपीएस में भी यही हाल है. किसी भी बात का विरोध नहीं कर सकते. हर साल 10% फीस बढ़ती है, ऊपर से महंगी किताबें वो भी खुद देते हैं, स्टेशनरी भी वही देते हैं और बाहर से लेने नहीं देते. हर साल ड्रेस और जूते भी बदलवाते हैं ताकि कोई पुराने इस्तेमाल ना कर सके.”

एक और शख्स ने बताया, “मेरे दोस्त की बेटी बेंगलुरु के एक इंटरनेशनल बोर्ड स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ती है और उसकी फीस करीब 8 लाख रुपये सालाना है, जिसमें खाना और ट्रांसपोर्टेशन भी शामिल है. हर साल फीस 10% बढ़ती है और जब बच्चा एक क्लास से दूसरी क्लास में जाता है तो फीस में 20% का अतिरिक्त इजाफा कर दिया जाता है. तो मेरे दोस्त के हिसाब से 12वीं कक्षा तक पहुंचने पर हर साल फीस 35 लाख रुपये हो जाएगी.”

दूसरों ने इस समस्या का हल भी सुझाया, जिनमें से एक ने कहा, “अपने बच्चों को घर पर ही पढ़ाएं. वैसे भी ज्यादातर स्कूल बेकार हैं.” एक अन्य ने सलाह दी, “तो फिर किसी और स्कूल की तलाश करनी चाहिए. पैरेंट्स का एक यूनियन बनना चाहिए.”