हिमाचल में सड़कों पर घूम रहे मवेशियों के लिए सुक्खू सरकार का मेगा प्लान, काम पूरा करने के लिए तय की डेडलाइन

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शिमला: हिमाचल प्रदेश में 20वीं पशु गणना के अनुसार 36,311 बेसहारा पशु हैं। इनमें से 20,203 बेसहारा पशुओं को विभिन्न गौ सदनों में आश्रय प्रदान किया गया है। हालांकि, अभी भी 9,117 बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। इनके लिए राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने मेगा प्लान तैयार किया है। बेसहारा एवं आवारा पशुओं को सहारा देने के लिए राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार रात्रि आश्रय बनाएगी। शिमला में गौ सेवा आयोग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बेसहारा पशुओं के आंकड़ों का खुलासा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ऐसे पशुओं को आश्रय प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है। इनके लिए रात्रि आश्रय बनाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को पशुओं की देखभाल के लिए रात्रि आश्रय निर्मित करने और पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को इस दिशा में 10 दिन के भीतर कार्य योजना तैयार करने की हिदायत दी है। सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्प लाइन-1100 के माध्यम से लोग बेसहारा पशुओं से संबंधित जानकारी एवं शिकायत कर सकेंगे। उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित करने के निर्देश दिए। इसमें बेसहारा पशुओं के फोटो अपलोड किए जा सकें।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लोगों से शिकायत प्राप्त होने के उपरांत यह सूचना संबंधित खंड के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी एवं फार्मासिस्ट से साझा की जाएगी और यह उनकी जिम्मेदारी होगी कि बेसहारा पशु को गौ सदन या अन्य उपयुक्त स्थल में पहुंचाया जाए। बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए इस हेल्पलाइन के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की सुविधा के लिए बेसहारा पशुओं से पैदा हुई समस्या और इनके कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के निवारण के लिए पूर्ण गंभीरता के साथ कार्य कर रही है। इसके लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि विभागीय अधिकारी बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए फील्ड में गंभीरता से कार्य करें और इस समस्या के निवारण के लिए गैर सरकारी संगठनों का भी सहयोग लें। उन्होंने इस दिशा में व्यावहारिक कदम उठाने और निर्धारित समय सीमा के भीतर काम को पूरा करने के निर्देश दिए।