जालौर-सिरोही सीट पर किसकी जीत होगी पक्की? फलोदी सट्टा बाजार वैभव या लुंबाराम के लिए क्या दे रहे संकेत

Who will win the Jalore-Sirohi seat for sure? What signals are Phalodi betting markets giving for Vaibhav or Lumbaram?
Who will win the Jalore-Sirohi seat for sure? What signals are Phalodi betting markets giving for Vaibhav or Lumbaram?
इस खबर को शेयर करें

Phalodi Satta Bazar: राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण नजदीक आ चुका है, जिसमें 13 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है. दूसरे चरण में सभी पार्टियां अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं. इससे न केवल सियासी बल्कि सट्टा बाजार में भी खूब हलचल मची हुई है. लोकसभा चुनाव शुरू होते ही फलोदी सट्टा बाजार (Phalodi Satta Bazar) काफी एक्टिव हो गया है. फलोदी सट्टा बाजार में चुनाव के वक्त उम्मीदवारों की जीत को लेकर सट्टा लगाया जाता है. वहीं उम्मीदवारों पर लगे सट्टे से उनकी जीत और हार के संकेत मिलते हैं. ऐसे में जालौर-सिरोही लोकसभा सीट को लेकर भी सट्टा बाजार गरम है. क्योंकि इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर दिख रही है.

जालौर-सिरोही सीट से बीजेपी की ओर से जहां लुंबाराम चौधरी चुनावी मैदान में हैं. वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) अपना किस्मत आजमा रहे हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो लुंबाराम और वैभव गहलोत के बीच टक्कर है. वैभव गहलोत का पूरा परिवार कैंपेन कर रहा है. जबकि लुंबाराम चौधरी एक स्थानीय नेता हैं. ऐसे में इस सीट पर चुनाव दिलचस्प हो गया है. जबकि यही वजह है कि सट्टा बाजार भी इस सीट को लेकर एक्टिव हो गया है.

जालौर-सिरोही सीट पर किसका पलड़ा भारी
जालौर-सिरोही सीट पर लुंबाराम चौधरी और वैभव गहलोत के बीच चुनावी मैदान टक्कर दिख रही है. तो वहीं फलोदी सट्टा बाजार में दोनों के बीच टक्कर दिख रही है. बताया जा रहा है कि बीजेपी उम्मीदवार लुंबाराम चौधरी का भाव 80 पैसे है. तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत का भाव 120 पैसे तक है. यानी दोनों के भाव के बीच का अंतर काफी कम है. हालांकि लुंबाराम चौधरी थोड़े अंतर से आगे दिख रहे तो वैभव गहलोत कुछ अंतर से पीछे हैं.

अभी 24 अप्रैल को दूसरे चरण के चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है. वहीं 26 अप्रैल को मतदान होना है. वैसे सट्टा बाजार में कोई भी जीते लेकिन लुंबाराम और वैभव गहलोत का फैसला जनता ही करेगी.

क्या है यहां समीकरण
22.89 लाख मतदाताओं वाले जालोर-सिरोही अनुसूचित जाति-जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है. इनकी संख्या 8 लाख से अधिक है. वहीं सामान्य वर्ग में कलबी(पटेल) तीन लाख, देवासी 2.10 लाख, मूल ओबीसी 4 लाख, राजपूत व भोमिया 1.50 लाख, ब्राह्रमण व वैश्य सहित अन्य सवर्ण 3.20 लाख व मुस्लिम नब्बे हजार प्रमुख मतदाता है.

जालोर लोकसभा क्षेत्र आजादी के बाद से ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट थी. यहां हुए कुल 16 लोकसभा चुनाव में 8 बार कांग्रेस, 4 बार भाजपा, 1 बार स्वतंत्र पार्टी, 1 बार भारतीय लोकदल और 1 बार निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की. पिछले 3 बार से जालोर सीट पर लगातार भाजपा का कब्जा है.