राजस्थान में बीजेपी के मंत्री क्यों कर रहे हैं गांधी-अंबेडकर से किनारा? ऊपर से निर्देश या ये वजह

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जयपुर। राजस्थान में सत्ता परिवर्तन होने के बाद भजनलाल शर्मा के मंत्री गांधी और आंबेडकर से किनारा कर रहे है। अविनाश गहलोत के बाद अब एक और मंत्री मदन दिलावर के चैंबर में गांधी और आंबडेकर की तस्वीर गायब हो गई है। उनके स्थान पर केशव बलिराम हेडगेवार और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीरों के लेने की खबर है। राजस्थान में मंत्रियों के चैंबर में गांधी- आंबेडकर की तस्वीर लगाने की परंपरा रही है। हालांकि, ऐसा कोई कानून नहीं है। लेकिन सियासी जानकारों का कहना है कि जिस तरह से भजनलाल शर्मा के मंत्री गांधी और आंबेडकर की तस्वीर हटा रहे है, उससे साफ है कि ऊपर से कोई दिशा-निर्देश मिले हो। क्योंकि हाल ही में मध्यप्रदेश विधानसभा में पंडित जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर को हटाने से मामला गर्मा गया था। अब राजस्थान में सुनियोजित तरीके से गांधी और आंबेडकर की तस्वीरों को हटाया जा रहा है।

कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत के दफ्तर के बाद अब कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर के दफ्तर से महात्मा गांधी और डॉ. अंबेडकर के स्थान पर डॉ. हेडगेवार और गोलवलकर की फोटो लगा वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। बता दें मदन दिलावर की छवि हिंदुत्ववादी नेता के तौर पर मानी जाती है। राममंदिर नहीं बनने तक उन्होंने जमीन पर ही सोने का प्रण लिया था। आऱएसएस के पसंदीदा माने जाते हैं।

नाम बदलना पुरानी परंपरा रही है

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद योजनाओं का नाम बदलना पुरानी परंपरा रही है। गहलोत सरकार ने भी बीजेपी राज की करीब एक दर्जन योजनाओें के नाम बदले थे। इससे पहले वसुंधरा राजे सरकार ने भी गहलोत सरकार की योजनाओं के नाम बदल दिए। राजीव गांधी सेवा केंद्र का नाम अटल सेवा केंद्र कर दिया। बाद में गहलोत ने भी नाम बदल दिया था। सियासी जानाकरों का कहना है कि गहलोत के शासन में मंत्रियों के चैंबर में किसी महापुरूष की तस्वीरों को नहीं हटाया गया था। हालांकि, इस संबंध मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा था कि सब की तस्वीर लगाएंगे।

कांग्रेस ने साधा निशाना

कैबिनेट मंत्री के दफ्तर में महात्मा गांधी और डॉ. अम्बेडकर की तस्वीरें नहीं होने पर कांग्रेस ने भजनलाल सरकार के मंत्रियों पर सियासी निशाना साधा है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा कि संविधान की शपथ लेकर मंत्री बने लेकिन कुर्सी पर बैठते ही संविधान निर्माता को हटाकर आरएसएस के संस्थापक को ले आए। आगे लिखा है कि भाजपा सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत ने पदभार ग्रहण करते ही बाबा साहेब अंबेडकर जी और महात्मा गांधी की तस्वीरें लगा ली। कांग्रेस ने इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने इसे देश के नायकों का अपमान बताया है। सोशल मीडिया तरह-तरह की प्रतिक्रिया आ रही है। एक यूजर रमेश कुमार ने लिखा कि राजस्थान में अब संविधान का नहीं बल्कि संघ का शासन चलेगा। राज बोध कॉल ने लिखा है कि अविनाश गहलोत ने अगर बाबा साहेब की स्थापित प्रतिमा को हटाया है तो वो संविधान निर्माता का घोर अपमान है। इसे अंबेडकरवादी माफ नहीं करेंगे। सरोज चौधरी लिखती हैं कि ये लोग शपथ तो संविधान की लेते हैं लेकिन सेवा संघ की करते हैं। एक अन्य यूजर सन्नी डीसूजा ने कमेंट किया है कि क्या यही है भाजपा की गारंटी।