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हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में शुरुआती रुझान में कांटे की टक्कर दिखाई पड़ रहा है. कांग्रेस ने चुनाव में स्थानीय मसलों को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ने की रणनीति पर काम किया था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को उतार कर राज्य में रिपीट सरकार का नारा गढ़ा था. हालांकि शुरुआती घंटेभर के रुझान में जनता ने किस पर ज्यादा भरोसा दिखाया है, यह फिलहाल नजर नहीं आ रहा है. विधानसभा चुनाव के परिणाम दोपहर तक साफ हो जाएंगे. अगर बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब होती है तो साल 1985 के बाद ये पहली दफा संभव हो सकेगा. दूसरी ओर कांग्रेस भी सत्ता में वापसी की कोशिशों में जुटी हुई है.
बीजेपी के लिए ये मुद्दे बने बड़ी चुनौती
हिमाचल प्रदेश में रिवाज बदलने में कामयाब होगी बीजेपी या नहीं वो आज तय हो जाएगा क्योंकि 37 सालों का रिकॉर्ड तोड़ पाना बीजेपी के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम और 21 बागी उम्मीदवारों के मैदान में उतरने की वजह से चुनौतीपूर्ण रहने वाली है.
चुनाव प्रचार के दौरान 12 में से 8 जिलों में हिमाचल में पीएम नरेंद्र मोदी की जनसभा और कई मंत्रियों का राज्य में डेरा डाले रहना बीजेपी के पक्ष में असर कर सकेगा, इस पर आज फैसला हो जाएगा. हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर के दावों की हकीकत का पता भी मतपेटी खुलने के बाद चल सकेगा जिसमें उन्होंने 37 सालों के रिकॉर्ड को तोड़ने की बात कही थी.
बीजेपी-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर
फिलहाल मतगणना के शुरुआती एक घंटे के बाद हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस आगे दिखाई पड़ रही है. लेकिन सीटों में अंतर अभी ज्यादा नहीं है. माना जा रहा है कि पुरानी पेंशन स्कीम और बीजेपी के बागी नेताओं की वजह से बीजेपी को पिछले साल की तुलना में नुकसान हो रहा है. वैसे बीजेपी के सीएम जयराम ठाकुर आगे दिखाई पड़ रहे हैं लेकिन प्रदेश में उनकी सरकार साफ तौर पर बन पाती नजर नहीं आ रही है.