
चंडीगढ़: हरियाणा के पहलवानों और भारतीय कुश्ती महासंघ पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के बीच विवाद लगातार बढ़ता जा रहाहै। इस विवाद में अब हरियाणा के सीनियर आईएएस अशोक खेमका की भी एंट्री हो गई है। खेमका ने खिलाड़ियों के समर्थन में एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में खेमका ने हरियाणा के पहलवानों को सच्चा नायक बताया है। खेमका ने कहा कि खेल में महिलाओं की गरिमा के संघर्ष में इस संघर्ष को हमेशा एक मील के पत्थर के रूप में उकेरा जाएगा। अशोक हरियाणा के एक चर्चित आईएएस अधिकारी है। उनका 30 साल की नौकरी में 56 बार ट्रांसफर हो चुका है।
कौन हैं अशोक खेमका
अशोक खेमका का जन्म कोलकाता में हुआ था। वह एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से थे। उनके पिता एक जूट कारखाने में क्लर्क थे। उन्होंने 1988 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उसके बाद टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की। फिर उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और फाइनेंस में एमबीए किया। इसके बाद उन्होंने आईएएस की परीक्षा दी। हरियाणा कैडर में चयनित हुए। उन्होंने इग्नू से अर्थशास्त्र में एमए की डिग्री भी ली है। खेमका 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।
30 साल में 56 बार तबादला
खेमका का 30 साल की नौकरी में 56 बार तबादला हो चुका है। उनके तबादलों का दौर बंसीलाल के नेतृत्व वाली सरकार से शुरू हुआ था। आईएनएलडी सरकार में खेमका का 5 वर्ष में 9 बार ट्रांसफर हुआ। उनका टकराव तकरीबन हर राजनीतिक दल की सरकार से हुआ। इसका खामियाजा खेमका को बार-बार ट्रांसफर के रूप में झेलना पड़ा। एक बार तो सरकारी गाड़ी तक छीन ली गई थी। खेमका पैदल ही घर से ऑफिस आते-जाते रहे। वह अपने खिलाफ चार्जशीट का भी सामना कर चुके हैं।