- इंदौर से महाराष्ट्र जा रही बस अचानक रिवर्स होकर 100 फीट गहरी खाई में गिरी, 20 यात्री घायल - April 27, 2024
- मध्यप्रदेश में अगले 4 घंटे में तूफानी बारिश का ऑरेंज-यलो अलर्ट जारी, जानें आपके शहर का हाल - April 27, 2024
- देश की जनता ने नफरत की राजनीति को नकारा, बेहद मजबूत स्थिति में कांग्रेस: कमलनाथ - April 27, 2024
पटना : डीजीपी एसके सिंघल ने शुक्रवार की देर रात कोइलवर पुल पर सादे लिबास में पांच पुलिसकर्मियों को बालू लदे ट्रकों से अवैध वसूली करते हुए पकड़ा और तत्काल निलंबित कर दिया। निलंबित पुलिसकर्मियों में सहायक अवर निरीक्षक मिथिलेश कुमार सुमन के साथ सिपाही नीरज कुमार मांझी, शांतनु कुमार, अमित कुमार एवं मुकेश कुमार शामिल हैं। मुकेश मुंगेर, जबकि अन्य चार पटना जिला बल में कार्यरत हैं। डीजीपी ने पटना के एसएसपी को तीन दिनों के अंदर पूरे मामले की जांच कर स्पष्ट रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
मिलेगा इसका लाभ
दरअसल, पटना एवं अन्य जिलों के भ्रमण के क्रम में डीजीपी के साथ वरीय अधिकारियों का काफिला कोइलवर पुल से गुजर रहा था। इस काफिले में गृह विभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ भी थे। इसी बीच बिहटा थाना अंतर्गत कोइलवर पुल के पूर्वी छोर पर कई ट्रकों को अवैध रूप से रोककर रखा गया था जिससे जाम की स्थिति बनी हुई थी। इसमें उत्तर प्रदेश और बिहार के ट्रक शामिल थे, जिन पर बालू लदा था। ट्रकों को रोककर रखने वाले पुलिसकर्मी सादे लिबास में थे। जब पुलिसकर्मियों से ट्रकों को रोकने का कारण पूछा गया तो किसी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। पुलिस अफसरों को आते देख चालक भी ट्रक छोड़कर फरार हो गए। इससे स्पष्ट हो गया कि बालू लदे ट्रकों को अवैध वसूली के लिए रोका गया था। ऐसे में अवैध वसूली में शामिल पांचों पुलिसकर्मियों को अनुशासनहीनता, कर्तव्यहीनता, भ्रष्ट आचरण और अयोग्य होने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि में पटना जिला बल में कार्यरत पुलिसकर्मियों का मुख्यालय नवीन पुलिस केंद्र पटना, जबकि मुंगेर के सिपाही का मुख्यालय मुंगेर पुलिस केंद्र निर्धारित किया गया है।
बिहटा थानेदार से मांगा स्पष्टीकरण
कोइलवर पुल पर बालू लदे ट्रकों से अवैध वसूली के मामले में बिहटा थानेदार से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। पटना के एसएसपी को निर्देश दिया गया है कि वे घटनास्थल से बरामद ट्रकों का सत्यापन करें। इसके साथ ही थाना क्षेत्र में अनैतिक कार्य पर नियंत्रण न रखने, शिथिलता एवं लापरवाही बरतने को लेकर बिहटा थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण प्राप्त करें। तीन दिनों में इसकी रिपोर्ट भी मांगी गई है।