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टिहरी. उत्तराखंड में गुलदार के अलग-अलग हमलों में तीन दिन में तीन लोग मारे गए. 22 नवंबर को पौड़ी के निशणी गांव में गुलदार ने शाम के समय पांच साल के एक बच्चे पर हमला कर उसे अपना शिकार बना डाला. तो 24 नवंबर को अल्मोड़ा में भी गुलदार ने एक बच्चे को मार डाला. टिहरी में भी एक व्यक्ति को गुलदार ने अपना शिकार बनाया.
जानकार बताते हैं कि ठंड के मौसम में गुलदार का मेटिंग पीरियड होता है. इस दौरान उसमें हार्मोनल चेजेंज आते हैं और गुलदार ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं. लिहाजा इस सीजन में उनके हमले की घटनाएं भी ज्यादा सामने आती हैं.
गौरतलब है कि उत्तराखंड में पिछले तीन सालों में गुलदार ने 70 लोगों को मार डाला है. इनमें से अधिकांश घटनाएं नवंबर से मार्च तक के ठंड के मौसम में ही सामने आई हैं. उत्तराखंड के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन का भी मानना है कि आजकल खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे में शाम के समय या तो जंगल का रुख न करें या फिर समूह बनाकर जाए.
इन तीन सालों में 152 लोग गुलदार के हमले में घायल भी हुए हैं. गुलदार उत्तराखंड में एक बड़ी समस्या बन चुका है. गांव छोड़ शहरों की ओर रूख करने की एक बड़ी वजह गुलदार भी है. लेकिन, इससे निपटने के लिए वन विभाग आज तक कोई कारगर नीति बनाने में कामयाब नहीं हो पाया.