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जयपुर. राजस्थान में 25 लोकसभा सीटें है। यहां पर कांग्रेस और उनके समर्थित उम्मीदवारों का सीधा मुकाबला बीजेपी से है। बीजेपी के नेता इस बार हैट्रिक लगाने की बात कह रहे है, लेकिन सियासी जानकारों का कहना है कि यह इतना आसान हीं है। कांग्रेस 7-8 सीटों पर बीजेपी को कड़ी चुनौती दे रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस दौसा, अलवर, टोंक-सवाई माधोपुर, जैसलमेर-बाड़मेर औऱ भरतपुर में उलट फेर कर सकती है। जबकि सीकर, नागौर और डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर कांग्रेस के सहयोगी दल बीजेपी को कड़ी चुनौती दे रहे है। जानकारों का कहना है कि अशोक गहलोत ने गठबंधन कर बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। बाड़मेर से केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी मुश्किल में दिखाई दे रहे है। जबकि जोधपुर में गजेंद्र सिंह शेखावत को कांग्रेस उम्मीदवार करण सिंह से कड़ी चुनौती मिल रही है।
सियासी जानकारों का कहना है कि इस बार बीजेपी के मिशन 25 में सेंध लग सकती है। हालांकि, इंडिया गठबंधन के लिए कांग्रेस ने तीन सीटें छोड़ी है, वहां पर भीतरघात का खतरा ज्यादा है। नागौर से गठबंधन के उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल ने साफ कहा है कि नेता कांग्रेस का दुपट्टा पहनकर बीजेपी के लिए काम कर रहे है। हालांकि, बेनीवाल की नाराजगी के बाद कांग्रेस ने नागौर से 3 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है। बांसवाड़ा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार ने नाम वापस नहीं लिया है। पार्टी ने अपने उम्मीदवार अऱविंद डामोर को पार्टी से निकाल दिया है।
तीन मंत्रियों को दिया टिकट
बीजेपी ने इस बार भी अपने तीनों मंत्रियों गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और अर्जुनराम मेघवाल को फिर टिकट दिया है। इनमें अर्जुन मेघवाल आरामदायक स्थिति में बताए जा रहे है। बीकानेर से मेघवाल के सामने पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल को टिकट दिया है। जबकि शेखावत और चौधरी को कांग्रेस उम्मीदवार कड़ी चुनौती देते हुए दिखाई दे रहे है। बीजेपी उम्मीदवारों के पास सत्ता विरोधी लहर की काट नहीं है। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस इस बार बीजेपी को हर मुद्दे पर घेर रही है। यही वजह है कि पीएम मोदी समेत बीजेपी के बड़े नेताओं की फौज चुनाव प्रचार के लिए जुटी हुए है। जबकि कांग्रेस की सिर्फ एक बड़ी रैली हुई है। राहुल गांधी की अभी तक एक भी रैली नहीं हुई है। राहुल गांधी कल 11 अप्रैल को फलौदी में जनसभा को संबोधित कर सकते है।
शेखावत-चौधरी की राह आसान नहीं
जोधपुर से सांसद और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पोकरण में जनसुनवाई के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा था। इसका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें लोग क्षेत्र में पानी की किल्लत की बात करते हुए शेखावत के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे। वहीं जैसलमेर-बाड़मेर सांसद व केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को दोबारा टिकट मिलने के बाद कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्से का सामना करना पड़ा। शेखावत के खिलाफ नारेबाजी करने वाले लोगों ने आरोप लगाया था कि इलाके में पेयजल समस्या को लेकर अनदेखा किया जा रही है। समस्या का समाधान लम्बे समय से नहीं हो रहा है। इस पर शेखावत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मैंने यहां टंकी बनाने के लिए 4 करोड़ स्वीकृत करा दिए थे। आप लोग किस मिट्टी के बने हो। मुझे धन्यवाद देने की जगह आप एहसान फरामोशी कह रहे हो। तो मेरा भगवान ही मालिक है। इससे पहले जोधपुर में भी शेखावत के खिलाफ ‘तानाशाही नहीं चलेगी…’ जैसे नारे लग चुके थे। जोधपुर के शेरगढ़ विधानसभा में विधायक बाबूलाल राठौड़ ने सार्वजनिक मंच से शेखावत पर जमकर हमले बोले चुके हैं।