होली से पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने आमजन को दी बड़ी राहत, जानें किनको मिलेगा फायदा

Before Holi, Rajasthan High Court gave big relief to the common people, know who will get the benefit.
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जयपुर : राजस्थान में हाईकोर्ट ने निर्माण कार्य करवाने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है। इस दौरान हाई कोर्ट ने भीलवाड़ा, राजसमंद, ब्यावर, टोंक, जालोर और नागौर के कुल 25 बड़े बजरी के ब्लॉक की नीलामी पर रोक हटा दी है। हालांकि, इस नीलामी से पहले सरकार को निर्वाचन आयोग से अनुमति लेनी होगी। इसके बाद बजरी के ब्लॉक की नीलामी का कार्य शुरू होगा। नीलामी कार्य शुरू होने से लोगों को सस्ती दरों पर बजरी मिलेगी। वहीं सरकार को भी करोड़ों रुपए का रेवेन्यू प्राप्त होगा।

हाई कोर्ट ने बजरी ब्लॉक के नीलामी से रोक हटाई

राजस्थान में बनास नदी में बजरी के दोहन को लेकर हाईकोर्ट ने 4 मार्च को रोक लगा रखी थी। इसके चलते भीलवाड़ा, राजस्थान, ब्यावर, टोंक, जालौर और नागौर जिले के 22 बड़े बजरी के ब्लॉक की नीलामी पर रोक थी। पिछले 4 मार्च को हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करने के बाद इन ब्लॉक की नीलामी पर रोक लगाई थी। लेकिन हाई कोर्ट ने अब मामले की सुनवाई करते हुए अब इस रोक को हटा दिया है। इसके कारण अब निर्माण कार्य करवाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

अलका गुर्जर पिछले कई सालों से बीजेपी में सक्रिय हैं। पार्टी में उनके पास राष्ट्रीय मंत्री का पद है। वे प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और केंद्रीय नेतृत्व की भरोसेमंद नेता है। अलका गुर्जर ने टोंक सवाई माधोपुर सीट से दावेदारी पेश की है। संगठन में उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें टिकट दिए जाने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर ने भी टोंक सवाई माधोपुर सीट से दावेदारी की है। जयपुर मेयर रहते हुए वे बहुत की एक्टिव नेताओं की श्रेणी में आ गई हैं। उनके पति राजाराम गुर्जर भी पिछले भी पिछले कई सालों से पार्टी में सक्रिय हैं और संघ के साथ उनके अच्छे ताल्लुक हैं।

जयपुर की पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुई थी। वे कांग्रेस की तेज तर्रार नेता रही हैं। वर्ष 2019 में ज्योति खंडेलवाल ने बीजेपी के रामचरण बोहरा के सामने जयपुर लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज ज्योति भाजपा में शामिल हो गई थी। जयपुर का जाना माना चेहरा और तेज तर्रार छवि होने के नाते वे लोकसभा चुनाव के टिकट की दावेदारी कर रही हैं।

जयपुर की रहने वाली राखी राठौड़ सैन्य परिवार से हैं। वे जयपुर नगर निगम में तीन बार पार्षद रही हैं और पार्टी की प्रखर वक्ता हैं। राखी राठौड़ ने जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट से दावेदारी पेश की है।

हर्षिनी कुलहरी झुंझुनूं की जिला प्रमुख हैं। वे मौजूदा सांसद नरेंद्र कुमार की पुत्रवधू हैं। बीजेपी ने नरेंद्र कुमार को विधानसभा चुनाव में उतारा लेकिन वे चुनाव हार गए। ऐसे में पार्टी उनके बजाय अन्य प्रत्याशी की तलाश कर रही है। ऐसे में हर्षिनी कुलहरी का नाम आगे आया है। वे झुंझुनूं सीट से मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं।

सरोज कुलहरी भी यहीं से टिकट की दावेदार हैं। झुंझुनू लोकसभा सीट से वो पिछले कुछ सालों के पार्टी में काफी सक्रिय हैं। वे पूर्व जिला परिषद सदस्य हैं और टिकट की दावेदारी कर रही हैं। सरोज कुलहरी के समर्थक पिछले कई महीनों से झुंझुनूं लोकसभा सीट पर सक्रिय हैं और जनसमर्थन जुटाने में लगे हुए हैं। ऐसे में सरोज को भी मजबूत दावेदार माना जा रहा है।

आमजन को मिलेगी सस्ती दरों में बजरी

हाई कोर्ट ने बजरी ब्लॉक की नीलामी का रास्ता खोल दिया है। इसके तहत अब सरकार भीलवाड़ा, राजसमंद, ब्यावर, टोंक, जालौर और नागौर जिले के 22 ब्लॉक की नीलामी कर सकेगी। यह ब्लॉक बनास और लूनी नदी में है। नीलामी का रास्ता खुलने के बाद निर्माण कार्य करवाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है। अब लोगों को सस्ती दरों पर बजरी मिलने की संभावना है। इसके अलावा नीलामी का रास्ता खुलने से सरकार को 300 करोड रुपए से अधिक रिवेन्यू मिलने की उम्मीद है।

बजरी की दरें आसमान छू रही है

हाई कोर्ट की ओर से बजरी खनन के ब्लॉक पर रोक लगने के कारण बजरी की दरें आसमान छू रही हैं। इस दौरान जयपुर में काफी महंगी दर पर बजरी मिल रही है। इससे पहले गहलोत सरकार ने बिड को तैयार करने के बाद 7 दिसंबर 2023 को नीलामी करने के आदेश जारी किए थे। लेकिन बीजेपी सरकार ने आते ही इस पर रोक लगा दी। अब भजनलाल सरकार ने बिड वापस करने का निर्णय किया है। वही हाई कोर्ट की रोक हटाने के बाद अब सस्ती दर पर बजरी मिलेगी। वर्तमान में राजस्थान में 45 ब्लॉक से बजरी उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन इनमें 25 ब्लॉक जून माह में बंद हो जाएंगे, क्योंकि उनकी लीज खत्म हो जाएगी। लेकिन अब नीलामी पर रोक हटने से समस्या नहीं आएगी।