हनुमान बेनीवाल के ट्वीट पर गरमाई राजस्थान की सियासत, बीजेपी पर…

Rajasthan politics heated up over Hanuman Beniwal's tweet, big attack on BJP
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Rajasthan News: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी (Arvind Kejriwal Arrest) से राजस्थान की सियासत गरमा गई है. यहां एक बाद एक विपक्षी दलों के नेता केजरीवाल के सपोर्ट में उतर रहे हैं और सत्ताधारी बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोल रहे हैं. कांग्रेस नेता अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) द्वारा इस गिरफ्तारी को ‘तानाशाही कदम’ बताए जाने के बाद अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने बीजेपी पर भड़क गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट के जरिए तीखी प्रतिक्रिया दी है, और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.

‘मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी संवैधानिक व्यवस्था का अपमान’
हनुमान बेनीवाल ने एक्स पर लिखा, ‘विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का नेतृत्व करने वाली सरकार द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी करवाना यह इंगित कर रहा है कि आने वाले लोकसभा के आम चुनावों से पहले केन्द्र सरकार ED, Income Tax और अन्य स्वतंत्र संस्थाओं का जमकर दुरुपयोग करने वाली है. जैसा कि वो विगत दो -तीन वर्षो से करती आ रही है! इस तरह एक मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी करवाना संवैधानिक व्यवस्था का अपमान है, और केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार अपने निम्नतम स्तर पर आ गई है. लेकिन इतिहास इस बात का साक्षी है की तानाशाहो की सत्ता भी जनमानस के आगे नतमस्तक हुई है! देश की जनता को मत की चोट से ऐसे तानाशाहो को जवाब देने की जरूरत है!

‘अब ED का काम केवल राजनीतिक तोड़-फोड़ करना’
इससे पहले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और अशोक गहलोत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा था, ‘पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी केन्द्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की पराकाष्ठा है. ऐसा देश में पहली बार देखा जा रहा है कि संवैधानिक पदों पर बैठे नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है. ईडी का काम केवल राजनीतिक तोड़-फोड़ करना ही रह गया है. लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. ऐसा लगता है कि दिन रात 400 पार का शोर मचा रही भाजपा को 200 सीटों का भी आत्मविश्वास नहीं है. इसलिए इस तरह के तानाशाही कदम रोज उठाए जा रहे हैं.’