गाय की डकार कर रही है दुनिया को गर्म, अब स्पेशल मास्क पहनाने की हो रही है तैयारी

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लंदन: ग्लोबल वॉर्मिंग से पूरी दुनिया परेशान है और भारत और पाकिस्तान जैसे देशों में इस वक्त जितनी गर्मी पड़ रही है, उससे लोग भारी परेशान हैं। दिन के वक्त लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल है और माना जा रहा है, कि आने वाले सालों में गर्मी और भी पढ़ने वाली है। वहीं, ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या के लिए गाय के डकार को भी एक बड़ी वजह मानी गई है, लिहाजा अब एक ऐसी मास्क बनाई गई है, जिसके जरिए गाय की डकार को शुद्ध कर दिया जाएगा।
गाय के डकार में मीथेन गैस

गाय की डकार से मीथेन गैस निकलती है, जो एक ग्रीन हाउस गैस है और इससे ग्लोबल वॉर्मिंग में इजाफा होता है। ग्रीन हाउस गैसें पृथ्वी को गर्म करने के लिए जिम्मेदार होती हैं, लिहाजा गायों के डकार से निकलने वाली मीथेन गैस को पर्यावरण में आने से पहले शुद्ध करने के लिए एक स्पेशल मास्क को डिजाइम किया गया है। गाय के लिए स्पेशल मास्क का डिजाइन लंदन स्थति रॉयल कॉलेज ऑफ ऑर्ट्स ने किया है।
गायों के लिए मास्क का डिजाइन

रॉयल कॉलेज ऑफ ऑर्ट्स में डिजाइन ग्रुप डेल्प ने इस स्पेशल मास्क का डिजाइन किया है, जिसे टेरा कार्ट डिज़ाइन लैब प्रतियोगिता के चार विजेताओं में से एक चुना गया है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रिंस चार्ल्स, जिन्होंने अपने सस्टेनेबल मार्केट्स इनिशिएटिव के हिस्से के रूप में प्रतियोगिता शुरू की थी, उन्होंनेने बुधवार को लंदन में एक पुरस्कार समारोह में इस मास्क को ग्राउंड ब्रेकिंग डिज़ाइन और ‘आकर्षक’ बताया है।
मास्क का क्या होगा काम?

रिपोर्ट के मुताबिक, ये स्पेशल मास्क काफी अलग तरह का है और इसे इस तरग से डिजाइन किया गया है, ताकि गायों के मुंह में ये पूरी तरह से फिट आ सके। जब गायों के मुंह से डकार निकलेगी, उस वक्त ये मास्क उस डकार में मौजूद मीथेन गैस को कार्बन डायऑक्साइड और जलवास्प में बदल देगा। हालांकि, ये आविष्कार थोड़ा आश्चर्यजनक भले ही लग रहा है, लेकिन प्रिंस चार्ल्स ने इसकी जमकर तारीफ की है। रिपोर्ट के मुताबिक, जब गाय के मुंह से डकार निकलेगी, तो वो डकार मास्क में मौजूद एक कन्वर्टर तक पहुंचेगी और फिर इसे जलवाष्प और सीओ-2 बनाकर वातावरण में छोड़ दिया जाएगा।

Co2 गैसे से 25 गुना शक्तिशाली
गायें एक गंधहीन ग्रीनहाउस गैस मीथेन का महत्वपूर्ण मात्रा में उत्सर्जन करती हैं, जो वातावरण में गर्मी को फंसाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड के मुकाबले 25 गुना से ज्यादा शक्तिशाली है। यूनाइटेड नेशंस पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के अनुसार, मीथेन उत्सर्जन में अगर महत्वपूर्ण कमी को प्राप्त कर लिया गया, तो जलवायु परिवर्तन कोभी धीमा किया जा सकता है। एक डेयरी गाय प्रतिदिन 130 गैलन मीथेन गैस का उत्पादन कर सकती है। और गाय के मीथेन उत्सर्जन का 95% हिस्सा उनके डकार से होता है। दुनिया भर में लगभग एक अरब मवेशी हैं। गाय और अन्य खेत जानवर मानव-प्रेरित जलवायु उत्सर्जन का लगभग 14% उत्पादन करते हैं।
पहले बदल दिया जाता था खाना

अतीत में मवेशी उद्योग की मीथेन समस्या के समाधान के लिए गायों के आहार को बदल दिया जाता था। जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक फूला हुआ, गुलाबी समुद्री शैवाल के बड़े पैमाने पर उत्पादन का प्रस्ताव रखा है। लेकिन ज़ेल्प का समाधान गायों को विशिष्ट भोजन को पचाने की अनुमति देता है, जिसमें मुखौटा गाय के डकार में मीथेन का पता लगाने, पकड़ने और ऑक्सीकरण करने के लिए काम करता है।

मास्क में लगा है सेंसर
WIRED ने बताया कि, इस मास्क की नोक पर एक सेंसर लगाया गया है, जो पता लगाता है कि गाय कब सांस लेती है और मीथेन का कितना प्रतिशत बाहर निकलता है। जब मीथेन का स्तर बहुत अधिक होता है तो मुखौटा ऑक्सीकरण तंत्र को एक्टिवेट कर देता है। ज़ेल्प के सह-संस्थापक फ्रांसिस्को नॉरिस ने इनसाइडर को बताया कि, मास्क खेतों पर दक्षता और पशु कल्याण में सुधार के लिए जानवरों पर डेटा एकत्र करता है। उन्होंने कहा कि, हमें विश्वास है कि इस पहल द्वारा प्रदान किए गए नेटवर्क के माध्यम से हम वास्तव में अपनी तकनीक को आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे और मीथेन गैस उत्सर्जन को कम कर पाएंगे।