उत्तराखंड में मजारों पर हथौड़ा; संगठन ने कहा, पुलिस की मौजूदगी में तोड़ेंगे मजार

इस खबर को शेयर करें

देहरादूनः सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक दक्षिणपंथी संगठन के सदस्य ऋषिकेश के अमित ग्राम इलाके में हथौड़े और जेसीबी मशीन से दो मज़ारों को तोड़ते दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में दो नौजवानों को ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए और हथौडों से मज़ारों को तोड़ते हुए देखा जा रहा है. इसके बाद एक जेसीबी मशीन मज़ारों का मलबा हटाते दिखाई दे रही है. इस वीडियो में एक शख्स यह भी कह रहा है कि प्रदेश में जहां कहीं भी इस तरह की अवैध मज़ारें होंगी, उन्हें तोड़ दिया जाएगा. उसने कहा, ‘‘यह देवभूमि है, मज़ारभूमि नहीं.’’

गौरतलब है कि प्रदेश के कई इलाकों में अतिक्रमण रोधी मुहिम चल रही है. इस अभियान के तहत कई मज़ारों को तोड़ा गया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी खुद कई सार्वजनिक मंचों पर कह चुके हैं कि प्रदेश में जितने भी अवैध मजारें हैं, सभी को सरकार ध्वस्त करेगी. अबतक 300 से ज्यादा मजारें तोड़ी जा चुकी है.

हालांकि, यहां ये भी याद रखना जरूरी है कि इस मामले में यह तोड़-फोड़ प्रशासन ने नहीं बल्कि हिंदूवादी संगठन-देवभूमि रक्षा अभियान ने की है. देवभूमि रक्षा अभियान के सद्र स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि उन्हें उन जमीन मालिकों से मज़ारें तोड़ने की इजाजत मिली है, जिनकी जमीनों पर ये बनी हुई थीं. उन्होंने कहा, ‘‘जिस जमीन में मज़ारें बनी हैं, वे दो हिंदुओं की हैं. हमें इसे ढहाने की इजाजत दी गई है. हमने पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में यह काम किया है.’’

देवभूमि रक्षा अभियान के सद्र ने कहा, ‘‘ऋषिकेश के गुमानीवाला और श्यामपुर इलाकों में ऐसी 25-30 मजा़रें हैं. हम उन्हें भी तोड़ेंगे. देवभूमि पर मज़ारें बनाना हमारे धर्म पर हमला करने जैसा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप ये करना चाहते हैं, तो कहीं और जा कर करिए, लेकिन देवभूमि को बख्श दीजिए.’’ ऋषिकेश कोतवाली के प्रभारी खुशीराम पांडे ने कहा कि इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (बयान या किसी कृत्य के माध्यम से दुशमनी या नफरत को बढ़ावा देना या पूजास्थल पर अपराध करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.