प्यू रिसर्च सेंटर ने पिछली जनगणनाओं और उनमें हिंदू, मुस्लिम और ईसाइयों की आबादी में वृद्धि दर समेत अन्य फैक्टर्स को देखते हुए आंकड़े तैयार किए और बताया कि 2050 तक मुसलमानों की आबादी में वृद्धि देखी जाएगी.
रिपोर्ट में बताया गया कि मुसलमानों की आबादी में 3 से 4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी, जबकि हिंदुओं की आबादी में 1-2 फीसदी की कमी आ सकती है.
साल 2011 की जनगणना के आधार पर भारत की कुल जनसंख्या 120 करोड़ थी जिनमें से हिंदू धर्म के लोगों का 79.8 फीसदी, मुसलमानों का 14.2 फीसदी और ईसाईयो का 2 फीसदी हिस्सा शामिल था
साल 2011 की जनगणना में भारत की कुल जनसंख्या 120 करोड़ थी, जिसमें से 79.8 फीसदी हिंदू, 14.2 फीसदी मुसलमान और 2 फीसदी ईसाई धर्म के लोगों की आबादी है.
प्यू रिसर्च सेंटर का अनुमान है कि साल 2050 तक मुसलमानों की आबादी कुल आबादी की लगभग 18 फीसदी आबादी हो जाएगी. इस हिसाब से 40 सालों में मुस्लिमों की आबादी 3 से 4 फीसदी बढ़ जाएगी.
रिपोर्ट में यह भी अनुमान जताया गया कि साल 2050 तक भारत में हिंदुओं की आबादी का हिस्सा कुल आबादी का 77 फीसदी हो सकता है, जबकि 2011 में यह आंकड़ा 79.8 फीसदी था.
भारत में बसी ईसाई धर्म की आबादी की बात करें तो 2050 में भी ईसाइयों की आबादी कुल जनसंख्या का 2 फीसदी ही रहेगी. 2011 में भी 2 फीसदी ही ईसाई थे.
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2050 तक बौद्ध, सिख और जैन धर्म के लोगों की जनसंख्या में कमी आएगी, जिस वजह से इन धर्मों का कोई भी डाटा तैयार नहीं किया गया है. प्यू रिसर्च की ओर से जारी किया गया आंकड़ा एक अनुमान है.