बिना रजिस्ट्रेशन नहीं चलेंगे होटल: मेहमानों का ब्योरा ऑनलाइन रखना होगा जरूरी, राज्य सरकार बनाएगी पोर्टल

Hotels will not run without registration: It is necessary to keep the details of the guests online, the state government will create a portal
Hotels will not run without registration: It is necessary to keep the details of the guests online, the state government will create a portal
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लखनऊ। प्रदेश में होटल और अन्य पूरक आवास सेवाएं (छोटे होटल, गेस्ट हाउस, पेइंग गेस्ट हाउस, सराय आदि) का संचालन अब बिना रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा। रजिस्ट्रेशन के लिए राज्य सरकार एक पोर्टल विकसित करेगी, जिसे निवेश मित्र के साथ जोड़ा जाएगा। प्रदेश कैबिनेट ने सभी तरह के होटल को कानून के दायरे में लाने के लिए इससे संबंधित व्यवस्था को मंजूरी दे दी है।

बीते साल भर में अनियमित तरीके से संचालित होने वाले ऐसे होटलों, आवास इकाइयों आदि में 114 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसमें अनैतिक गतिविधियां भी शामिल रही हैं। ऐसे में इन व्यवसायों के संचालन को नियमों के दायरे में लाने और नागरिकों के सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा, नैतिकता व शालीनता की रक्षा के लिए ये कदम उठाया गया है।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सराय अधिनियम के अंतर्गत इसे नियमों के दायरे में लाने के लिए उप्र होटल एवं अन्य पूरक आवास (नियंत्रण) विनियम, 2023 लागू करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। नियमों के मुताबिक पोर्टल के जरिये आवास इकाई को अतिथियों का नाम, पहचान पत्र, चेक इन-चेक आउट और पते की जानकारी साझा करनी होगी।

समस्त कर्मचारियों का नाम, पता समेत पूरा ब्योरा बताना होगा। रजिस्ट्रेशन के बिना कोई भी आवास इकाई संचालित नहीं होगी। आवेदन के 45 दिन के भीतर निर्णय नहीं होने पर इसे डीम्ड रजिस्टर्ड माना जाएगा। प्रतिष्ठान के मुख्यद्वार पर रजिस्ट्रेशन का प्रमाण पत्र लगाना होगा।

अतिथि का फ्रंट डेस्क पर पूरा विवरण और अभिलेखों में प्रविष्टि के बिना ठहरने की सुविधा नहीं दी जाएगी। प्रत्येक इकाई के प्रवेश, निकास, फ्रंट डेस्क, पार्किंग में सीसीटीवी लगाने के साथ 30 दिन का फुटेज रखना होगा। हर समय परिसर में एक पर्यवेक्षक अथवा प्रबंधक की उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी।

संदिग्धों की पहचान का बनाएंगे सिस्टम
काेई अतिथि, जिनके विरुद्ध किसी आपराधिक गतिविधि में लिप्त होने का उचित संदेह हो, की पहचान करने और विवरण की रिपोर्ट करने के लिए प्रणाली विकसित की जाएगी। चेक इन के समय फोटो पहचान पत्र वास्तव में संबंधित व्यक्ति का है, इसे सत्यापित करना अनिवार्य होगा। फ्रंट डेस्क पर इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जैसे महिला हेल्पलाइन, पुलिस आयुक्त, एसएसपी, एससी, जिला मजिस्ट्रेट, निकटतम पुलिस थाना, 112 यूपी के संपर्क नंबर की सूची लगानी होगी।

अतिथियों को उपलब्ध कराए जाने वाले परिसर स्वच्छ रखना होगा। अग्निशमन व सुरक्षा सावधानियों को सुनिश्चित करना होगा। आवास इकाई के लिए पहुंच सड़क का होना भी अनिवार्य किया गया है।

नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई
नियमों का उल्लंघन करने पर नोटिस जारी होने के बाद सुनवाई का अवसर मिलेगा। जानबूझकर नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगेगा। तीसरी बार ऐसा होने पर रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा। हालांकि ऐसे आदेशों के खिलाफ अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष पुनरीक्षण याचिका दायर की जा सकती है।

इसमें अपीलीय प्राधिकारी का निर्णय अंतिम होगा। याचिका मिलने के 45 दिन के भीतर इसका निस्तारण करना होगा अथवा उचित कारण बताना होगा। वहीं, इससे संबंधित किसी कार्यवाही के नियमित पर्यवेक्षण, समीक्षा और मामलों के निस्तारण व प्रबंधन के संबंध में द्विस्तरीय समितियां गठित हाेंगी। इसके तहत डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पर्यवेक्षण समिति और प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय पर्यवेक्षण समिति गठित होगी।