मैं यहां बंधक हूं… ‘ बिहार से जॉब के लिए दिल्ली आई महिला पहुंच गई ओमान!

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नई दिल्ली : एक प्रेग्नेंट महिला नौकरी का सपना लेकर बिहार से दिल्ली के लिए चली थी, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि वह समंदर पार बसे मुस्लिम देश ओमान जाकर फंस गई। बड़ा सवाल यह है कि नौकरी दिल्ली में थी तो अचानक ओमान (Bihar Oman News) कैसे पहुंच गई? ये कहानी नहीं, सच्ची घटना है। इस महिला की आपबीती नौकरी के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी का एक जीता जागता उदाहरण है। कहानी शुरू होती है 10 अप्रैल 2022 से। बिहार के जमुई में रहने वाली 30 साल की गर्भवती महिला के फोन की घंटी बजती है। दूसरी तरफ से उसे पहाड़गंज, दिल्ली के होटल में नौकरी का ऑफर दिया जाता है। 26 मई को वह घर छोड़ देती है। 29 मई को ट्रेन से दिल्ली पहुंच जाती है। यहां से वह अपने पति को फोन पर सूचना देती है कि वह पहाड़गंज में दुर्गा मंदिर के पास एक होटल में है। लेकिन 8 जून को महिला अपने पति को एक ऑडियो संदेश भेजती है कि वह ओमान में बंधक है।

पति को मिला था नौकरी का आश्वासन लेकिन…
महिला सेंट्रल दिल्ली के एक होटल से ओमान कैसे और किस हाल में पहुंची, यह अभी स्पष्ट नहीं है। महिला के साथ उसके पति को भी नौकरी का आश्वासन मिला था लेकिन उसके पास अब तक कॉल नहीं आई। जब पति ने पत्नी की रिकॉर्डिंग सुनी तो घबराकर थाने पहुंच गया। महिला ने पति को बताया कि ओमान में उसके साथ 10 अन्य महिलाओं को भी बंधक बनाकर रखा गया है। उसने बताया कि वहां उसके साथ जानवरों की तरह बर्ताव किया जा रहा है और बासी भोजन खाने को दिया जा रहा है।

देह व्यापार के दलदल में तो नहीं
घबराया हुआ पति बिहार में पुलिस के पास पहुंचा लेकिन कथित तौर पर वहां पुलिस ने कुछ नहीं किया। बिहार पुलिस ने दिल्ली पुलिस से संपर्क करने को कहा। पति ने दिल्ली में एक शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अब तक कोई प्रोग्रेस नहीं हुई है। ऐसे में थककर पति ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पति को शक है कि उसकी पत्नी का अपहरण किया गया और बंधक बनाया गया है। आशंका जताई है कि कहीं उसे देह व्यापार के दलदल में तो नहीं धकेल दिया गया।

उस शख्स ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘अख्तर नाम के एक पुरुष और सानो सईद नाम की महिला ने अप्रैल में मेरी पत्नी को फोन किया था। हमने सोचा कि यह फर्जी कॉल है और उसे नजरअंदाज कर दिया। लेकिन कॉल लगातार आती रही, फिर हमें लगा कि यह नौकरी का मौका है। फोन करने वाले ने कहा कि मुझे भी नौकरी दी जा सकती है लेकिन मुझसे पहले मेरी पत्नी को पहुंचकर सेटल हो जाना चाहिए। पहाड़गंज में होटल पहुंचने के बाद मेरी पत्नी ने फोन कर बताया था कि वह ठीक है। लेकिन बाद में उसका मोबाइल नंबर नेटवर्क क्षेत्र से बाहर हो गया।’

कुछ दिन बाद अचानक 8 जून को उसके फोन पर एक वॉइस नोट आया। पति ने बताया कि मेरी पत्नी घबराई हुई थी। उसने बताया, ‘उसे 10 अन्य महिलाओं के साथ एक बड़े कमरे में बंद करके रखा गया है। एक दिन में केवल एक बार उसे खाना दिया जा रहा है और उसके साथ जानवरों जैसा सुलूक किया जा रहा है। मुझे शक है कि वह एक तरह के वैश्यालय में है।’

पति काफी चिंतित है, वह अपनी पत्नी को जल्द से जल्द वापस स्वदेश लाना चाहता है। उसने कहा, ‘हमारी दो बेटियां और एक बेटा है, इस समय वह प्रेग्नेंट है।’ भावुक होते हुए पति ने कहा कि मैं हर रोज बच्चों को उनकी मां के न आने की अलग-अलग वजह बताता रहता हूं लेकिन अंदर ही अंदर मैं घुट रहा हूं।

उन्होंने बताया कि वह पहले बिहार में पुलिस के पास गए थे लेकिन वहां कहा गया कि अपराध दिल्ली में हुआ है तो वह दिल्ली पुलिस से संपर्क करें। बाद में वह पहाड़गंज पुलिस स्टेशन पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अब लोकेश अहलावत दिल्ली हाई कोर्ट में उनकी गुहार लेकर पहुंचे हैं। मामले की सुनवाई 7 जुलाई को होनी है। वकील अहलावत ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की, पुलिस ने कोर्ट को बताया कि महिला ओमान में है। कोर्ट ने मौखिक तौर पर राज्य और पुलिस को निर्देश दिया है कि वे महिला से संपर्क स्थापित करने की कोशिश करें और पता करें कि क्या वह सुरक्षित हैं। वकील ने बताया कि कोर्ट ने यह भी कहा है कि ओमान में भारतीय दूतावास से भी इस मामले में सहयोग के लिए संपर्क किया जाए।