बिहार के इस गांव की हर गली से निकले हैं IAS-IPS, देश भर में दे रहे अपनी सेवा

IAS-IPS have emerged from every street of this village of Bihar, giving their service across the country
IAS-IPS have emerged from every street of this village of Bihar, giving their service across the country
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सहरसा. कहते हैं कि देश के किसी भी कोने में चले जाएं, वहां आपको रिक्शा चालक से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक मिल जाएंगे. कहने वाले तो यहां तक कहते हैं कि बिहार से हर साल सबसे अधिक अभ्यर्थी यूपीएससी पास करते हैं. बिहार के सहरसा जिले में बनगांव भी एक ऐसा गांव है, जिसे आईएएस-आईपीएस का गांव कहा जाता है. इस गांव में कई परिवार ऐसे भी हैं, जहां आजादी के बाद से एक-दो नहीं बल्कि तीन-चार लोग प्रशासनिक सेवा में बहाल हुए. यही कारण है कि सहरसा ही नहीं, पूरे कोसी क्षेत्र में इस गांव की चर्चा होती है. विश्व बैंक में वाटर ग्लोबल प्रैक्टिस के डायरेक्टर सरोज कुमार भी बनगांव के ही हैं.

गांव के लोग कहते हैं कि संत लक्ष्मीनाथ गोसांई की कर्मस्थली बनगांव से अबतक पांच दर्जन से अधिक लोग यूपीएससी पास किए है. डॉक्टर, इंजीनियर, बीडीओ-सीओ की तो यहां भरमार है. यही कारण है कि बनगांव के साथ-साथ चैनपुर, पर्री, महिषी, मोहनपुर, मुराजपुर आदि गांव से भी आए दिन यूपीएससी पास किए जाने की खबर आते रहती है. अब तो जब भी यूपीएससी का रिजल्ट आता है, तो लोग पूछने लगते हैं कि इस बार बनगांव से कोई पास किया है की नहीं.

स्थानीय मणिकांत झा बताते हैं कि यह गांव ज्ञान से भरा हुआ गांव है. इस गांव के हर एक व्यक्ति पर मां सरस्वती का आशीर्वाद और लक्ष्मीनाथ गोसाईं का हाथ है. तभी तो हर एक वार्ड से लेकर हर एक गली-मोहल्ले में आपको एक से दो आईएएस ऑफिसर देखने को मिल जाएंगे. उन्होंने बताया कि यह बड़े-बड़े ऑफिसर, इंजीनियर के साथ-साथ पुलिस के भी बड़े-बड़े अधिकारी का गांव है. यहां के सागर झा, रंजन खा, उदय शंकर झा उर्फ नारायण झा, अरुण ठाकुर जैसे तमाम लोग हैं जो पुलिस और प्रशासनिक सेवा में हैं.