अभी अभीः भारत-नेपाल सीमा पर भारी बवाल, जमकर पथराव, दर्जनों घायल, भारी तनाव

Just now: Heavy ruckus on Indo-Nepal border, heavy stone pelting, dozens injured, heavy tension
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धारचूला। भारत-नेपाल बॉर्डर पर एक बार फिर जमकर बवाल मचा है। नेपाली युवकों द्वारा पथराव के बाद हुए लाठीचार्ज में कई लोग घायल हुए हैं। हालांकि, रविवार देर शाम को झूला पुल खुल गया, लेकिन बॉर्डर पर तनाव अभी भी बरकरार है। उत्तराखंड के काली नदी किनारे तटबंध बना रहे भारतीय मजदूरों पर रविवार दोपहर नेपाल की तरफ से पथराव होने से बवाल मच गया।

एसएसबी और नेपाली फोर्स पहुंचने के बावजूद नेपाली प्रदर्शनकारियों ने भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय झूला पुल पर ताले जड़ दिए। जिससे दोनों देशों के सैकड़ों लोग पुल के दोनों तरफ फंस गये। बवाल बढ़ने पर नेपाल पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें नेपाल की तरफ फंसे एक भारतीय कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गया।

रविवार को धारचूला में काली नदी किनारे भारतीय क्षेत्र में घटखोला और स्टेडियम के पास कार्य करा रही कंपनी के मजदूरों पर दोपहर करीब दो बजेनेपाल क्षेत्र से अचानक भारी पत्थरबाजी शुरू कर दी गई। पत्थर लगने से एक श्रमिक जय सिंह सिर में गंभीर चोट आई है। पथराव की सूचना पर मौके पर नेपाली पुलिस और एसएसबी के अधिकारियों ने किसी तरह मामला शांत कराया।

पर शाम करीब चार बजे नेपाल की तरफ से पत्थरबाजों ने झूला पुल पर ताले डालकर बंद कर दिया। जिससे पुल के दोनों तरफ सैकड़ों लोग फंस गए। बवाल बढ़ने पर नेपाली पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें भारत के एक पशुचिकित्सा कर्मचारी को गंभीर चोटें आई हैं।

नेपाल प्रशासन से भारतीय अधिकारियों की बातचीत के बाद शाम करीब छह बजे अंतरराष्ट्रीय झूला पुल खुलवा दिया, पर बार्डर पर तनाव बना हुआ है। नेपाल की ओर से सीडीओ दीर्घराज उपाध्याय ने कहा है कि प्रकरण को गंभीरता से लिया जाएगा। कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।

काली नदी के किनारे भारतीय क्षेत्र में तटबंध बनाने को लेकर नेपाल के अधिकारियों के साथ वार्ता हुई है। नेपाल के जिलाधिकारी स्तर पर एक बैठक शीघ्र प्रस्तावित है। दोनों देशों के बीच मित्रता और आपस में मधुर संबंध हैं। बातचीत से समन्वय पूर्वक समाधान निकाल लिया जाएगा।
रीना जोशी, डीएम, पिथौरागढ़।

नेपाल से भारत की तरफ 8वीं बार हुई पत्थरबाजी
भारतीय क्षेत्र में काली नदी किनारे सुरक्षा को लेकर बनाए जा रहे तटबंध का नेपाल अब तक सात बार विरोध कर चुका है। भारतीय अधिकारियों के आग्रह के बावजूद वह हठधर्मिता पर अड़ा हुआ है। नेपाल ने अपनी तरफ नदी में जमा मलबा तक नहीं हटाया है, जिस कारण भारतीय क्षेत्र में कई मीटर हिस्से में नदी के प्रवाह के कारण नींव तक बनाना मुश्किल हो गया है।

रोट बेटी के संबंधों की बातें करने वाले नेपाल का नजरिया वहां हुए चुनाव में वाम दलों को मिली करारी हार के बाद भारत को लेकर सकारात्मक नहीं नजर आ रहा है। वाम दलों ने वहां लोगों को भड़काने के लिए भीड़ को आगे किया हुआ है। 5माह में 8वीं बार हुई पत्थरबाजी से अब स्थानीय लोग भी डरने लगे हैं।