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रांची। Jharkhand IAS Pooja Singhal भारतीय प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी पूजा सिंघल पर प्रवर्तन निदेशालय की नकेल कसने के बाद झारखंड में नौकरशाह-दलाल सिंडिकेट की परत-दर-परत खुल रही है। इसी सिंडिकेट का एक अहम नाम है विशाल चौधरी। नौकरशाहों की काली कमाई खपाने से लेकर उनके लिए मौज-मस्ती का इंतजाम करने वाला विशाल चौधरी ईडी के हत्थे चढ़ चुका है। इस शातिर के यहां जब ईडी के अफसरों ने धावा बोला तो इसने अपना एप्पल मोबाइल कचरे के डिब्बे में डाल दिया। ईडी को इसके पास से हाल के दिनों में लगभग 10 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के दस्तावेज हासिल करने में सफलता मिली है। ईडी ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करना आरंभ किया है।
विशाल चौधरी से पूछताछ में राज्य के लगभग आधा दर्जन आइएएस और आइपीएस अधिकारियों की कलई खुल सकती है। इनका काला धन विशाल अपने स्तर से खपाता था। उसने दो कंपनियां भी बना रखी थी, जिसके जरिए वह विभिन्न विभागों में कामकाज करता था। एक सीनियर आइएएस अधिकारी से उनके बेहद करीबी रिश्ते थे और उनके दफ्तर समेत आवास पर वे अक्सर देखे जाते थे। इसके अलावा कई आइएएस और आइपीएस अधिकारी उनसे बराबर मिलते थे। विशाल से पूछताछ में इससे संबंधित सुराग मिल सकते हैं। इसमें कई अफसरों की गर्दन फंस सकती है।
महंगा लाइफस्टाइल, करता था उपकृत भी
विशाल चौधरी काली कमाई पर खूब ऐश-मौज करता था। काम कराने के लिए वह प्रभावी अधिकारियों को हर स्तर पर उपकृत करता था। उसके यहां ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर टेंडर मैनेज करने वालों की भीड़ लगी रहती थी। वह अक्सर विदेश दौरा करता था।
कौशल विकास में एक अफसर की आंखों का था तारा
विशाल चौधरी कौशल विकास के कार्यक्रम कराता था। इस कार्य में उसे राज्य में प्रतिनियुक्त अखिल भारतीय सेवा के एक पदाधिकारी का भरपूर सहयोग मिला। कागज पर लोगों को हुनरमंद बनाने का हुनर उसी अफसर ने सिखाया। फिलहाल वह अधिकारी दक्षिण भारत के एक राज्य में प्रतिनियुक्त है। ईडी की छापेमारी में इससे संबंधित दस्तावेज भी हाथ लगे हैं।