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पटना: बिहार में इंडिया गुट के दलों के बीच चीजें सामान्य नहीं दिख रही हैं. राज्य में कांग्रेस, राजद और लेफ्ट पार्टियों के बीच 5 सीटों को लेकर खींचतान जारी है. ये सीटें हैं औरंगाबाद, बेगूसराय, कटिहार, सिवान और पूर्णिया. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस बिहार में 10 सीटें चाहती है, लेकिन राजद इसके लिए तैयार नहीं है. वह कांग्रेस को 6 या 7 सीटों से ज्यादा नहीं देना चाहती. सूत्रों की मानें तो बिहार में सीट बंटवारे को लेकर राजद की ओर से कांग्रेस को एक नया ऑफर दिया गया है. लालू यादव ने कांग्रेस के सामने बिहार में 9 सीटों के बदले एक बड़ी शर्त रख दी है.
इस शर्त के मुताबिक राजद झारखंड में कांग्रेस से 2 सीटों मांग कर रही है. अगर कांग्रेस इस डील पर सहमत होती है, तो लालू यादव बिहार में उसे किशनगंज, कटिहार, सासाराम, पटना साहिब, बेतिया, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, भागलपुर और मधेपुरा या सुपोल में से एक सीट दे सकती है. लेकिन लालू प्रसाद यादव ने इन 9 सीटों के बदले कांग्रेस से झारखंड की चतरा और पलामू सीट राजद को देने की मांग की है. जानकारी के मुताबिक लालू ने कांग्रेस के सामने शर्त रखी है कि अगर झारखंड में राजद को ये दो सीटें नहीं मिलती हैं, तो बिहार में कांग्रेस को 6 या 7 सीटों पर ही संतोष करना पड़ेगा.
राजद ने इंडिया ब्लॉक की ओर से बिना किसी संयुक्त घोषणा के अब तक 11 सीटों पर अपना दावा ठोक दिया है. सूत्रों की मानें तो पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव अपनी बेटियों मीसा भारती को पाटलिपुत्र और रोहिणी आचार्य को सारण से चुनाव लड़ाने के लिए तैयार हैं. पूर्णिया सीट को लेकर भी खूब माथा-पच्ची हो रही थी. कांग्रेस यह सीट पप्पू यादव के लिए चाह रही थी, जिन्होंने हाल ही में अपनी पार्टी का विलय उसके साथ किया है. लेकिन राजद ने यहां से बीमा भारती को लड़ाने का फैसला किया है. बीमा हाल ही में जेडीयू से इस्तीफा देकर राजद में शामिल हुई थीं. वहीं, सीपीआई (एम) ने खगड़िया से संजय कुमार को टिकट दिया है और साथ ही बेगूसराय से अवधेश राय को उम्मीदवार घोषित किया है.
लालू 30 सीटों से कम पर नहीं मानने वाले
आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि अब तक बिहार में इंडिया ब्लॉक के 40 में से केवल 13 नामों को मंजूरी दी गई है. हालांकि, चिंताजनक बात यह है कि विपक्षी गठबंधन की ओर से उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. राजद के सूत्र बताते हैं कि लालू प्रसाद 30 सीटों से कम पर नहीं मानने वाले. 2020 के विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाली कांग्रेस बैकफुट पर है. राजद का कहना है कि अगर पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया होता तो आज तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री होते. कांग्रेस ने जिन 70 सीटों पर चुनाव लड़ा उनमें से सिर्फ 19 सीटें जीतीं. महागठबंधन में शामिल लेफ्ट पार्टियों के लिए लालू यादव अधिकतम 4 सीटें छोड़ सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए 6 सीटों की गुंजाइश बचती है.
बिहार कांग्रेस में असंतोष है. पार्टी के वरिष्ठ नेता निखिल कुमार, जो नागालैंड और केरल के राज्यपाल भी रह चुके हैं, राजद द्वारा औरंगाबाद के लिए अभय कुशवाहा के नाम की घोषणा के बाद खफा हैं. कांग्रेस और राजद के बीच खींचतान की एक और वजह कटिहार सीट है. कांग्रेस तारिक अनवर को कटिहार निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ाना चाहती है, लेकिन राजद यह सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. बिहार कांग्रेस प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि सब कुछ ठीक होगा. राजद और कांग्रेस इंडिया गुट के प्रमुख अंग हैं. एक-दो दिन में चीजें सुलझ जाएंगी.’
बिहार में एनडीए प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुटे
इधर, एनडीए ने बिहार की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और उसके प्रत्याशी चुनाव प्रचार में भी जुट गए हैं. बिहार में एनडीए गठबंधन के तहत बीजेपी 17, जेडीयू 16, लोजपा (रामविलास) 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं. वहीं जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा 1, और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा 1 सीट पर चुनाव लड़ रही है. चिराग पासवान की पार्टी को हाजीपुर, वैशाली, समस्तीपुर, जमुई और खगड़िया सीटें मिली हैं. जीतनराम मांझी गया सीट से नामांकन दाखिल कर चुके हैं. वहीं उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी की ओर से काराकाट सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.