सांसों में छिपा है Cancer का संकेत, ब्रश करने के बाद भी आ रही मुंह से बदबू तो तुरंत करवा लें जांच

Signs of cancer are hidden in breath, if you have bad breath even after brushing, get it checked immediately.
Signs of cancer are hidden in breath, if you have bad breath even after brushing, get it checked immediately.
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सुबह उठने पर मुंह से फ्रेश स्मेल न आना एक बहुत ही आम बात है. सोकर उठने के साथ ज्यादातर लोग के मुंह से बदबू आती है. इसका कारण खराब ओरल हाइजीन होने के साथ ही डिनर में तेज गंध वाले फूड्स का इनटेक है. लेकिन इसकी एक और खतरनाक वजह भी है जो कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी है. NHS और कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार, बदबूदार सांस वाइस बॉक्स यानी की लैरिंजियल कैंसर का एक लक्षण है. यह गले में मौजूद वह हिस्सा है जो सांस लेने और बोलने की प्रोसेस में अहम रोल अदा करता है.

दुनियाभर में लैरिंजियल कैंसर के मामले

कैंसर.नेट की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में, 2020 में लगभग 184,615 लोगों लैरिंजियल कैंसर से ग्रसित पाए गए थे. राहत की बात है कि पिछले एक दशक से, इस कैंसर से होने वाले मौत के मामलों में हर साल 2% से 3% तक की गिरावट आ रही है.

ऐसे लोगों में ज्यादा होता है इस कैंसर का जोखिम

वाइस बॉक्स में होने वाला यह कैंसर आमतौर पर 60 की उम्र वाले लोगों में दूसरों के मुकाबले ज्यादा होता है. इसके अलावा महिलाओं के मुकाबले में यह कैंसर पुरुषों में अधिक होता है.

ये बदलाव है लैरिंजियल कैंसर का मुख्य संकेत

इस कैंसर का सबसे आम संकेत है आवाज में बदलाव. यदि आपकी आवाज 3 हफ्ते से ज्यादा कर्कश बनी हुई है तो यह इसे नजरअंदाज करना जानलेवा है.

इन संकेतों पर भी नजर रखना जरूरी

निगलते समय दर्द होना या निगलने में कठिनाई होना
आपकी गर्दन में गांठ या सूजन
लंबे समय तक चलने वाली खांसी या सांस फूलना
लगातार गले में खराश या कान में दर्द
जब आप सांस लेते हैं तो तेज घरघराहट की आवाज
सांस लेने में दिक्कत
अचानक वजन कम होना
ज्यादा थकान

कैसे होता है इस कैंसर का इलाज

ये कैंसर लगभग हमेशा ग्लोटिक (वोकल कॉर्ड) कैंसर होते हैं जो आवाज में बदलाव के कारण जल्दी पता लगा लिए जाए जाते हैं. एंडोस्कोपिक सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी से ज्यादातर मामलों में यह ठीक हो जाते हैं.

मुंह की बदबू के लिए ये उपाय करना जरूरी

यदि आप लगातार सांस में अधिक गंभीर बदबू का अनुभव करते हैं तो आपको जीवन शैली में बदलाव करना चाहिए. ऐसे में नियमित रूप से अपने दांतों को ब्रश करना और फ्लॉसिंग करने के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और बॉडी को हाइड्रेट रखना जरूरी है.