एक सुर में बीजेपी के खिलाफ आग उगल रही सपा-बसपा, क्या फिर हाथ मिलाएंगे मायावती और अखिलेश?

SP-BSP spewing fire against BJP in one voice, will Mayawati and Akhilesh join hands again?
SP-BSP spewing fire against BJP in one voice, will Mayawati and Akhilesh join hands again?
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UP Nikay Chunav Results 2023: निकाय चुनाव में करारी हार के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में कई तरह की चर्चा शुरू हो गई हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुए इन निकाय चुनावों में बीजेपी की एकतरफा जीत ने सभी पार्टियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. वहीं, एक चर्चा इस बात की भी होने लगी है कि बीजेपी को हराने के लिए आने वाले चुनावों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एक हो जाएंगे. यानी अखिलेश यादव और मयावती एक दूसरे से हाथ मिलाकर गठबंधन कर लेंगे. ऐसा देखा गया है कि जब भी दोनों पार्टियां राजनीतिक रूप से कमजोर होती हैं, तब एक दूसरे के करीब आती हैं.

उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में मेयर की एक भी सीट नहीं मिलने से दोनों पार्टियों के नेताओं में गुस्सा है. अखिलेश यादव और मायावती, दोनों नेताओं ने चुनाव में मिली हार के लिए बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. एक सुर में दोनों नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी पर चुनावी धांधली का आरोप लगाया है. मेयर की एक भी सीट नहीं जीतने के बाद भी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि बीजेपी को महापौरों और नगर सेवकों के अलावा अन्य पदों पर हार का सामना करना पड़ा है और ये इसलिए हुआ क्योंकि बीजेपी ने चुनावों को प्रभावित करने के लिए जो कुछ भी किया वो उनके काम नहीं आया.

सपा के मुखिया ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मैनपुरी समेत कई जगहों पर वोटिंग की प्रक्रिया धीमी हो गई थी. इसके पीछे किसी का हाथ था या ये तकनीकी कारणों से हुआ, इस बात का खुलासा अभी नहीं हो पाया है. अखिलेश यादव ने कहा, बीजेपी ने वोटिंग को प्रभावित करने की हर संभव कोशिश की, ताकि वो चुनाव जीत सके, उन्होंने मतदान की प्रक्रिया को भी धीमा किया. आलम ये रहा कि एक जगह पर डाले गए वोट से ज्यादा गिनती में निकल आए थे.

इधर मायावती ने भी बीजेपी पर राज्य की मशीनरी का दुरुपयोग करने और चुनाव में धांधली करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अगर चुनाव निष्पक्ष तरीके से होते तो बहुजन समाज पार्टी की जीत होती. साथ ही उन्होंने बैलेट पेपर की बात करते हुए कहा कि बैलेट पेपर से चुनाव होते तो बीएसपी को मेयर सीट पर भी जीत मिलती. अब दोनों ही पार्टियों के प्रमुख बीजेपी के खिलाफ एक सुर में बात कर रहे हैं. यही कारण है कि सियासी गलियारों में दोनों के एक बार फिर से एक होने की चर्चा चल पड़ी है.