कार से आ रही थीं अजीब आवाजें, मालिक नजरअंदाज करता रहा, एक दिन मैंने बोनट खोला और जो देखा उसे देखकर मेरी फटी रह गईं आंखें

Strange noises were coming from the car, the owner kept ignoring me, one day I opened the bonnet and what I saw left me in tears.
Strange noises were coming from the car, the owner kept ignoring me, one day I opened the bonnet and what I saw left me in tears.
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नई दिल्‍ली. मुंबई के चैंबूर के रहने वाले एक शख्‍स के साथ हाल में में एक अजीब घटना पेश आई. हुआ कुछ यूं कि अपनी कर चलाने के दौरान वो कई दिनों से लगातार अजीब आवाजें सुन रहे थे. वो समझ ही नहीं पा रहा था कि आखिर कार में ये आवाजें कैसी हैं और क्‍यों आ रही हैं. एक दिन उन्‍होंने अपनी कार के बोनट को खोलकर देखा तो उनकी आंखे फटी की फटी रह गई. दरअसल, कार के बोनट में बिल्‍ली और उसके चार नवजात बच्‍चे थे.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार बिल्ली और उसके एक दिन के बच्‍चों को बाहर निकालने वाले एक पशु बचावकर्ता ने कहा कि प्यारे जानवरों में से किसी को भी कोई चोट नहीं आई है. पशु बचावकर्ता राजेश महादिक ने कहा कि चेंबूर निवासी अनिकेत भोंडवे ने सोमवार सुबह अपनी कार के बोनट के पास हल्की-हल्की म्याऊं-म्याऊं की आवाज सुनी, लेकिन उन्होंने समझा कि यह धीमी आवाज बाहर से आ रही है. मुंबई के बाहरी इलाके पनवेल और चेंबूर के बीच अपनी कार चलाने के बाद, भोंडवे शाम को घर लौटे और एक बार फिर उस नरम म्याऊं का सामना किया, जिसका सामना उन्होंने पहले किया था.

बिल्‍ली द्वारा हमला करने का था डर
महादिक ने कहा, उन्होंने कार का बोनट खोला और इंजन डिब्बे के अंदर एक वयस्क बिल्ली और चार बिल्ली के बच्चे देखकर चौंक गए. पशु कल्याण एनजीओ रेसकिंक एसोसिएशन फॉर वाइल्डलाइफ वेलफेयर (RAWW) के एक स्वयंसेवक महादिक ने कहा कि भोंडवे ने इस डर से उनकी मदद मांगी कि अगर उन्होंने बचाने का प्रयास किया तो वयस्क बिल्ली उन पर हमला कर सकती है.
बाद में महादिक और एक अन्य बचावकर्मी सिद्धांत धनावड़े द्वारा मां और छोटे मोगियों को वाहन से सुरक्षित बाहर निकाला गया.

बच्‍चे छोड़कर भागी बिल्‍ली
महादिक के अनुसार, बिल्ली ने संभवतः इंजन कैविटी के अंदर बच्चे को जन्म दिया था. बीच-बचाव के बाद मां मौके से भाग गई. उन्होंने कहा, “शायद इसलिए कि उसने पूरे दिन कुछ नहीं खाया था.” बचावकर्मियों को अब बिल्ली के बच्चों को उनकी माँ से मिलाने की चुनौती का सामना करना पड़ा. उन्होंने बच्चों को एक टोकरी में रखा और कार के पास एक खुली जगह में रख दिया. मां बिल्ली की गतिविधि पर नजर रखने के लिए एक कैमरा ट्रैप भी लगाया गया था. बिल्ली अगले दिन दोपहर में वापस आई और अपने दो नवजात बच्चों को साथ ले गई. महादिक ने कहा, वह शाम को फिर लौटी और बाकी दो बिल्ली के बच्चों के साथ चली गई.