बिहार में यहां जातीय जनगणना पर हो गया बवाल, सदियों पुराने गांव का नाम बदले जाने से नाराज हुए ग्रामीण

Uproar over caste census here in Bihar, villagers angry over renaming of centuries-old village
Uproar over caste census here in Bihar, villagers angry over renaming of centuries-old village
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जमुई: जातीय जनगणना (Caste Census) के दौरान जब खुलासा हुआ कि सदियों से चले आ रहे गांव का नाम अब बदल गया. यहां तक कि बन रहे सरकारी कागजात में भी अब गांव का नाम बदल दिया गया तो ग्रामीणों की नाराजगी सातवें आसमान पर पहुंच गयी. इसके बाद ग्रामीणों ने जनगणना को बंद करवा गांव का नाम बदलने का विरोध कर रहे हैं. यह पूरा मामला जमुई (Jamui) जिले के सोनो प्रखंड (Sono Prakhand) के चुरहेत पंचायत के अमेठियाडीह गांव (Amethiyadih Village) का है.

ग्रामीणों का आरोप है कि अब जो भी नया आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड (Adhar Card and Voter ID Card) बन रहा है, उसमें उनके गांव का नाम अमेठियाडीह के बदले मड़रो दर्ज हो रहा है. ग्रामीणों की मांग है कि उनके गांव का नाम अमेठियाडीह ही रहने दिया जाए, जिनसे उनकी पहचान है, उसका नाम न बदला जाए. गांव का नाम बदले जाने का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने यहां जातीय जनगणना भी बंद करवा दिया है. इस गांव की आबादी लगभग 2 हजार है जहां मतदाता की संख्या करीब 1200 है.

गांव के बुजुर्ग गणेश पांडेय का कहना है कि उनकी उम्र 80 साल है, उनके बाप-दादा के समय से ही इस गांव का नाम अमेठियाडीह है. इसी पते पर इनकी चिट्ठी आती है, गांव के लोग जो दूसरे जगह बसे हैं. उन्हें भी लोग इसी गांव के नाम से जानते हैं, यह भला कैसे संभव होगा कि अचानक गांव का नाम बदल दिया जाएगा और हमारे गांव का नाम मिट जाएगा. गांव के युवक संजीव कुमार, मुरारी पांडेय और सुभाष पांडेय का कहना है कि अभी तक जितना भी प्रमाण पत्र बना है, उसमें गांव का नाम अमेठियाडीह ही है और अब जो नया प्रमाण पत्र बन रहे हैं उसमें गांव का नाम बदल दिया गया है. गांव में जो मिडिल स्कूल है उसका नाम भी गांव के नाम पर है, अचानक उन्हें इस बात की जानकारी तब मिली जब जातीय जनगणना करने कर्मी गांव पहुंचे थे, जिसके लोगों ने जनगणना का विरोध कर दिया है.