पटनाः अब इस बात में कोई शक नहीं कि अगला लोकसभा चुनाव ‘इंडिया’ और ‘भारत’ के बीच लड़ा जाएगा। इस बात की पटकथा तैयार हो गई है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार जहां एक तरफ ‘इंडिया’ नाम बदलकर लोग ‘भारत’ किए जाने का समर्थन कर रहे हैं। वहीं विपक्षी एकता के नाम पर बना आई.एन.डी.आई.ए. गठबंधन ‘भारत’ नाम रखे जाने के विरोध में खड़ा है। ‘भारत’ को लोगों का पुरजोर समर्थन मिल रहा है।
कांग्रेस तिलमिलाई, कहा- ऐसी क्या बात…
जी-20 रात्रिभोज में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। उनके साथ गठबंधन बना रही कांग्रेस ने सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को नई दिल्ली में जी-20 बैठक के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल होने के ममता बनर्जी के फैसले पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या इससे नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ उनका रुख कमजोर नहीं होगा।
ममता, नीतीश और हेमंत भी समझ चुके हैं क्या?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बात को समझ चुके हैं। तभी तो तमाम विपक्षी पार्टियों के विरोध के बावजूद यह तीनों नेता जी20 की बैठक के बाद राष्ट्रपति की ओर से रात्रिभोज के निमंत्रण में शामिल होने पहुंचे।
लंबे समय के बाद पीएम मोदी से हुई मुलाकात
लंबे समय बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साथ अगल-बगल नजर आए हैं। हेमंत सोरेन और ममता बनर्जी दोनों ही मुख्यमंत्री लंबे समय से पीएम मोदी से दूरी बनाए हुए थे। ये दोनों मुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीब नजर आए।
मन बदलता नजर आ रहा है!
माना जा रहा है कि भारत और इंडिया के बीच छिड़ी जंग में जीत भारत की होती दिखाई दे रही है। ऐसे में कभी एनडीए की साथ ही रही ममता बनर्जी नीतीश कुमार, और मुख्यमंत्री ने हेमंत सोरेन का मन बदलता नजर आ रहा है। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी 1 साल पहले ही बीजेपी के साथ एनडीए गठबंधन में शामिल थे। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी एनडीए के सहयोगी दलों में से एक रही हैं। और एनडीए के साथ केंद्रीय मंत्री भी रही हैं। वही झारखंड मुक्ति मोर्चा से झारखंड के मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन की पार्टी भी एनडीए के साथ मिलकर सरकार चला चुकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह पार्टियों एक बार फिर से साथ नजर आ जाएं तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।