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नई दिल्ली. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली एनसीआर में पुराने डीजल और पेट्रोल व्हीकल्स को बंद करने की बात ने जोर पकड़ रखा है. लोग या तो अपनी कारें दूसरे स्टेट में बेच रहे हैं या फिर उनको स्क्रैप में दे रहे हैं. लेकिन इसी बीच एक बात और उठी है. पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक व्हीकल में तब्दील करने की. इस प्रकिया को ईवी रेट्रोफिटिंग कहते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो आपकी गाड़ी में केवल बॉडी और पहिए ही रह जाएंगे, बाकि इंजन और इससे जुड़े पार्ट्स को हटा दिया जाएगा. इसकी जगह पर एक ईवी किट आपकी गाड़ी में लगाया जाता है.
इस किट में बैट्री पैक और मोटर होती है जिसे ड्राइवट्रेन से जोड़कर आपकी गाड़ी को ईवी में तब्दील कर दिया जाता है. कहने को तो इससे आपकी गाड़ी बिल्कुल नई हो जाती है क्योंकि इसमें से पुराना इंजन और पार्ट्स हटा दिए जाते हैं लेकिन इसके अगर बेनिफिट्स हैं तो इसकी बड़ी खामियां भी हैं, जिनको रेट्रोफिटिंग करवाने से पहले जानना जरूरी है.
कीमत में आ जाएगी नई गाड़ी
वहीं रेट्रोफिटिंग की कीमत काफी ज्यादा है. किसी भी पेट्रोल या डीजल गाड़ी को ईवी में तब्दील करने का खर्च 3 से 6 लाख रुपये तक आता है. इतनी कीमत में आप नई गाड़ी खरीद सकते हैं. वहीं आप अपनी पुरानी गाड़ी की एनओसी आरटीओ से लेकर उसे दूसरे राज्य में बेच सकते हैं. इससे आपको कुछ ज्यादा पैसे मिलेंगे जो आपकी नई गाड़ी के डाउनपेमेंट में भी काम आ सकते हैं. जहां एक तरफ रेट्रोफिटिंग के लिए आपको एक साथ बड़ी रकम चुकानी पड़ेगी वहीं नई गाड़ी लेने के लिए आपको पुरानी गाड़ी बेचने पर मिले रुपयों से डाउनपेमेंट कर बाकि फाइनेंस हो सकता है जो आपकी जेब पर भी भारी नहीं पड़ेगा.