कांग्रेस में फिर बड़े सियासी तूफान की आहट! लेडी फायर ब्रांड नेता दिव्या मदेरणा जानें क्यों आई चर्चा में

इस खबर को शेयर करें

जयपुर : राजस्थान में लोकसभा चुनाव के चलते कई बड़े सियासी उठापटक हो रहे हैं। कांग्रेस के दिग्गज बीजेपी में और बीजेपी के दिग्गज कांग्रेस में आ रहे हैं। इधर, एक बार फिर बड़े सियासी हलचल की आहट होने लगी है। सियासी गालियारों में कांग्रेस के दिग्गज रह चुके परसराम मदेरणा की पोती दिव्या मदेरणा के पार्टी से बगावत करने की खबरें आ रही है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस की तेज तर्रार फायरब्रांड नेता दिव्या मदेरणा भी पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन पकड़ सकती है। इसको लेकर दिव्या मदेरणा सोशल मीडिया पर काफी ट्रेंड हो रही हैं। यदि, ऐसा हुआ तो यह बहुत बड़ा सियासी भूचाल होगा। इस रिपोर्ट के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर कौनसी बदलती समीकरणों के कारण दिव्या मदेरणा बीजेपी में शामिल हो सकती है?

कांग्रेस के बेनीवाल के साथ गठबंधन से दिव्या मदेरणा में नाराजगी
दिव्या मदेरणा की कांग्रेस से नाराजगी का प्रमुख कारण हनुमान बेनीवाल है। पिछले समय से कांग्रेस का आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल से गठबंधन होने को लेकर चर्चा चल रही थी। बताया जा रहा था बेनीवाल कांग्रेस से गठबंधन के कारण नेताओं के संपर्क में है, बताया जा रहा है कि यही बात दिव्या को नागवार गुजर रही है। बता दें कि दिव्या और हनुमान बेनीवाल के बीच 36 का आंकड़ा है। दोनों कई सार्वजनिक सभाओं में एक दूसरे पर कई बार तीखे हमले बोल चुके हैं।

बेनीवाल ने कई बार मदेरणा परिवार पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की है। इधर, शनिवार देर रात कांग्रेस ने चौथी लोकसभा चुनाव लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में कांग्रेस ने इन चर्चाओं पर मोहर लगा दी। कांग्रेस की चौथी लिस्ट ने यह साफ दिया है कि पार्टी ने यह सीट आरएलपी के लिए छोड़ दी है। नागौर सीट पर आरएलपी से गठबंधन कर लिया। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस में सियासी बवंडर उठ सकता है। बेनीवाल दिव्या को फूटी आंख भी नहीं सुहाते हैं। ऐसे में अब सियासत की नजरें दिव्या मदेरणा के अगले कदम पर हो गई हैं?

विधानसभा चुनाव हार के बाद दिव्या को लोकसभा चुनाव की आस
जोधपुर के ओसियां विधानसभा से विधायक रह चुकी लेडी फायर ब्रांड नेता दिव्या मदेरणा अपने तीखे तेवरों के कारण जानी जाती है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी उम्मीदवार भैराराम से हार झेलनी पड़ी। इसके बाद दिव्या लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट मांग रही थी। सियासी चर्चा है कि दिव्या जोधपुर लोकसभा से टिकट की मांग कर रही थी। लेकिन कांग्रेस ने जोधपुर से करण सिंह उचियारड़ा को उम्मीदवार बनाया। ऐसे में कहा जा रहा है कि इसको लेकर कहीं ना कहीं दिव्या के मन में नाराजगी घर कर गई। अब कयास है कि दिव्या मदेरणा इस नाराजगी के चलते कांग्रेस छोड़ सकती है। सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि दिव्या बीजेपी का दमन थाम सकती है। हालांकि यह चर्चा भी है कि दिव्या की नजर जोधपुर पर टिकट घोषित होने के बाद पाली लोकसभा सीट पर है, अब देखना यह होगा कि ये टिकट उन्हें कांग्रेस- बीजेपी किस पार्टी से मिलती है, या उन्हें खाली हाथ रहना पड़ सकता है, ऐसे में कयासों का बाजार गर्म है।

क्या है दिव्या मदेरणा की राजनीतिक प्रोफाइल
इंग्लैंड से पढाई करके वापस भारत लौटने के बाद दिव्या की राजनीति यात्रा वर्ष 2010 से शुरू हुई। वर्ष 2010 में उन्होंने जिला परिषद जोधपुर का चुनाव लड़ा और पहले ही चुनाव में जीत हासिल की। साल 2018 में वे काउंसिल की मेंबर बनी और उसी साल उन्हें कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में जोधपुर ग्रामीण की ओसिया विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। दिव्या के लिए यह चुनाव बड़ा और महत्वपूर्ण था क्योंकि उनके पिता और दादा इस सीट विधायक रह चुके है। भाजपा के भीराराम चौधरी को 27 हजार वोटों से हराते हुए दिव्या पहली बार विधायक बनी। दिव्या को 83,629 वोट मिले थे जबकि भैराराम को 56,039 वोट मिले थे।