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गुरुग्राम: बेसहारा गोवंश के लिए हर माह लाखों रुपये खर्च हो रहे लेकिन इसके बावजूद सैकड़ों गोवंश बेसहारा सड़कों पर घूमते दिखेंगे। गुरुग्राम की हर सड़क पर रोड के बीच बैठे ट्रैफिक बाधित करते हुए गोवंश कभी भी देखे जा सकते हैं। नगर निगम अपनी मजबूरी बता रहा है कि दोनों गोशाला में क्षमता के अनुसार गोवंश रखे गए हैं। अब वहां पर जगह नहीं है। इसको लेकर हालांकि नगर निगम ने एक प्राइवेट एजेंसी को टेंडर दिया है, लेकिन गोवंश को पकड़कर उसे रखने की जगह नहीं है। इसी कारण सड़कों पर घूमते गोवंश लोगों के लिए परेशानी के अलावा ट्रैफिक बाधित कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर हरियाणा सरकार ने 2023-24 के बजट में गो सेवा आयोग के लिए 400 करोड़ रुपये का बजट तय किया है, जो पिछले साल के बजट का 10 गुना ज्यादा है।
शहर में हैं दो गोशाला
शहर के कार्टरपुरी एरिया में दो गोशाला है। कामधेनू गोशाला में 1500 गाय की क्षमता है। यहां पर क्षमता के अनुसार पूरी गाय हैं, जबकि इससे कुछ दूरी पर नंदीग्राम गोशाला है। यहां पर करीब 1400 गोवंश है। इन दोनों गोशाला की क्षमता पूरी हो चुकी है। यहां पर अब गोवंश नहीं रखे जा सकते हैं।
हर माह लाखों रुपये खर्च
नगर निगम के अधीन आने वाली इन गोशाला पर हर माह लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। चारे के अलावा यहां पर मौजूद स्टाफ और अन्य संशाधन पर नगर निगम यह पैसा खर्च करता है लेकिन शहर में सैकड़ों की तादाद में बेसहारा घूम रहे गोवंश के लिए अभी जगह नहीं बची है। यहां पर लोग हर दिन चारा, गुड़ और अन्य सामान के अलावा नकदी दान भी देते हैं।
अभी बजट 40 करोड़ से 400 करोड़ हुआ है। प्रदेश की सभी गोशालाओं में स्पेस बढ़ाने के अलावा सुविधाएं अधिक होंगी। गोशालाओं में गोबर से ही गमले, खाद, गैस और बिजली आदि बनाकर आय के साधन बढ़ाए जाएंगे।
श्रवण कुमार गर्ग, चेयरमैन, गौ सेवा आयोग, हरियाणा
शहर में नहीं है चारे के लिए कोई पॉइंट
भले ही दो गोशाला में गोवंश के लिए जगह न हो, लेकिन शहर में इस तरह का भी कोई स्थान नहीं है, जहां पर इन गोवंश के लिए चारे, पानी या रोकने की जगह हो। इसी के चलते शहर की सड़कों पर इनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।