मध्य प्रदेश में भाजपा को कैसे मिली इतनी शानदार जीत, CM के लिए जनता की पसंद कौन? सर्वे में खुलासा

How did BJP get such a spectacular victory in Madhya Pradesh, who is the public's choice for CM? revealed in the survey
How did BJP get such a spectacular victory in Madhya Pradesh, who is the public's choice for CM? revealed in the survey
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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर लोकनीति फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) के सर्वे के अनुसार, 10 में से सात वोटर केंद्र सरकार के प्रदर्शन से संतुष्ट थे, जबकि हर 10 में से छह मतदाता राज्य सरकार के विकास कार्यों से खुश नजर आए। रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के असर से मध्य प्रदेश में भाजपा की सत्ता में वापसी का मुख्य आधार बनी। यहां के लोगों ने ‘डबल इंजन’ सरकार का लाभ पूरी तरह से उठाया।

सर्वे के मुताबिक, भाजपा ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस से लड़ाई लड़ने के लिए विकास को हथियार बनाया। इस दौरान केंद्र की योजनाएं और राज्य सरकार द्वारा किए गए महिलाओं संबंधी कार्यों को लागू किया गया। इसका परिणाम यह रहा कि भाजपा के वोट शेयर में 7.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और विधानसभा में 70 फीसदी से अधिक सीटें हासिल करने में सक्षम रही। वहीं कांग्रेस के वोट शेयर में मात्र 0.5% की गिरावट हुई, लेकिन उसने 2018 के प्रदर्शन की तुलना में 40 फीसदी से अधिक सीटें खो दीं।

युवाओं का भाजपा पर ज्यादा भरोसा
राज्य में भाजपा ने युवा मतदाताओं के बीच बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। 25 साल से कम उम्र के वोटरों के बीच भाजपा को कांग्रेस की अपेक्षा सात प्रतिशत अंक का लाभ मिला। वहीं 26 से 35 वर्ष की आयु वाले मतदाताओं के बीच 14 फीसदी अंक का लाभ रहा। वहीं पुराने वोटरों के बीच दोनों पार्टियों में सबसे कम अंतर रहा।

भाजपा ने शहरी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ाया दायरा
सर्वे के अनुसार, उच्च शिक्षा तक पहुंच रखने वाले हर दस में से छह लोगों ने भाजपा को वोट दिया। इससे पार्टी को कांग्रेस पर 26 फीसदी अंक का फायदा हुआ। वहीं शहरी क्षेत्रों में भाजपा ने कांग्रेस पर 14 प्रतिशत अंकों की बढ़त हासिल की। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पांच प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली। दो तिहाई से अधिक अमीर और आधे से अधिक मध्यम वर्ग के मतदाताओं ने भाजपा का समर्थन किया। इसके विपरीत, कांग्रेस केवल दलितों, आदिवासियों और मुसलमानों के बीच ही भाजपा से बेहतर प्रदर्शन कर पाई।

राज्य में मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज पहली पसंद
भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में अनिश्चितता के बावजूद कांग्रेस इसे अपने पक्ष में भुनाने में विफल रही। राज्य में पार्टी के अभियान में शिवराज सिंह चौहान सबसे आगे नहीं थे, लेकिन वोटरों की नजर में अगले सीएम के तौर पर उन्हें ही सबसे ज्यादा देखा गया। दूसरे स्थान पर कमलनाथ का स्थान रहा। वहीं कुछ वोटरों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी अपना सीएम चुना।

शिवराज की लोकप्रियता बनी रही
मतदाताओं ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में शिवराज सिंह चौहान को प्राथमिकता दी। दो दशकों तक मध्य प्रदेश में भाजपा का चेहरा रहने के बावजूद इस बार उन्हें पार्टी ने चेहरे के तौर पर पेश नहीं किया, लेकिन वह जनता के बीच लोकप्रिय रहे। एक तिहाई वोटरों ने माना कि पिछले कुछ वर्षों में उनके कार्यों से लोकप्रियता में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, उन्हें चेहरा नहीं बनाए जाने पर भाजपा को वोटरों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

मोदी-राहुल के प्रचार अभियान का प्रभाव
भाजपा के प्रति मतदाताओं का स्पष्ट रुझान देखने को मिला। सर्वे के मुताबिक, आधे से अधिक वोटरों ने बताया कि वह तब भी भाजपा को वोट देते, अगर चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी चेहरा नहीं होते। वहीं 10 में से दो वोटरों ने मोदी की उपस्थिति पर जोर दिया। हालांकि, कांग्रेस के चुनाव अभियान में राहुल गांधी के प्रचार का असर देखने को मिला। इससे मतदान निर्णय पार्टी के पक्ष में पलड़ा झुका रहा। दस में से तीन कांग्रेस मतदाताओं ने महसूस किया कि उनके अभियान का उनकी पसंद के वोट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

ओबीसी और आदिवासियों को भाजपा ने किया आकर्षित
जाति जनगणना के सवाल पर अपनी बयानबाजी के बावजूद कांग्रेस ओबीसी वोट में सेंध लगाने में नाकाम रही। वहीं, भाजपा की शानदार जीत में मध्य प्रदेश के ओबीसी सहित अधिकांश सामाजिक वर्गों ने समर्थन दिया। भाजपा इस बार 2018 की तुलना में अधिक ओबीसी और आदिवासियों को आकर्षित करने में कामयाब रही। अनुसूचित समुदाय के बीच कांग्रेस भाजपा से काफी आगे रही। सर्वे के मुताबिक, भाजपा ने मध्य प्रदेश में ओबीसी समुदायों में महत्वपूर्ण पैठ बनाने के साथ-साथ अपने पारंपरिक उच्च जाति वोट बैंक को भी मजबूत किया है।